अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में मेरी जीत,तुम्हारे हाथों मे और हार तुम्हारे हाथों में । मेरा निश्चय बस एक यही एक बार तुम्हें पा जाऊँ मैं …
Category: Bhajan
ॐ नम: शिवाय (भजन) – Om Namah Shivaya
ओम् नम: शिवाय ओम् नम: शिवाय, साँसों की सरगम पे धड़कन ये दोहराय ओम् नम: शिवाय, ओम् नम:शिवाय जीवन में कैसा अँधेरा हुआ है, संदेह ने मुझको घेरा हुआ है २ मन पंछी आज बहुत ही घबराय ओम् नम: शिवाय। ओम् नम:शिवाय …
Chandra Bhaal Shobhitam
Shiv shiv shiv shiv he Shiv shiv shiv shiv he Shiv shiv shiv shiv he… Chandra Bhaal shobhitam, Gal bhujang bhushnam, He Shivam mahashivam, Shiv akhand dayakam. Gaur ja tapasvini ange sang dolti, Bhakti shiv aru Shakti ke Mukti dwar Kholti, Bhoot pret sevitam he prabhu trilochnam, He Shivam mahashivam ,shiv akhand dayakam. Shool paani,damru…
जय जय सुरनायक- विष्णु भजन- Jai Jai Surnayak
Source : तुलसीदास रचित रामचरित मानस ( गोरखपुर प्रेस) § ब्रह्मा जी और अन्य देव विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं § जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ … जय…
Tere Dar Ko Chhorkar Kis Dar Jaoo Mai.तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं।
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं, देख लिया मैंने जग सारा, तेरे जैसा मीत नहीं, तेरे जैसा सबल सहारा, तेरे जैसी प्रीत नहीं । किन शब्दों में आपकी, महिमा गाऊँ मैं । तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं …. अपनें पथ पर आप चलूँ मैं, मुझमें इतना ज्ञान नहीं,…
Santo Ki Vani Pad(पद – संतो की वाणी)
1. जब तक रहेगी ज़िन्दगी ,फ़ुरसत न होगी काम से। कुछ समय ऐसा निकालो ,प्रेम हो भगवान से। 2. साई इतना दीजिये ,जा में कुटुंब समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ ,साधु न भूखा जाय। 3. जो आता है सबके काम, उसका जीना सफल तमाम। 4. राम नाम लड्डू…
Pitu Mat Sahayak Swami Sakha(पितु मात सहायक स्वामी सखा)।
पितु मात सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कछु और अाधार नहीं , तिनके तुम ही रखवाले हो। सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुख दुर्गुण नाशन हारे हो। प्रति पालक हो सगरे जग को, अतिशय करूणा उर धारे हो । पितु मात सहायक स्वामी सखा… शुभ शांति निकेतन प्रेमन के, मन…
Maili Chadar Odh Ke Kaise Dwar Tumhare Aau-मैंली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ )।
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ , हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शर्माऊँ मैली चादरओढ् के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ तुमने इस संसार में भेजा देकर निर्मल काया मैंने इसको आकर प्रभु जी ऐसा दाग लगाया जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊँ मैली चादऱ … सुन्दर मन और वाणी…
Mero Man Anat Kahan Sukh Pave (Surdasji ke Pad-2) मेंरो मन अनत कहाँ सुख पावे।
मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै जैसे उड़े जहाज को पंछी फिरी जहाज पर आवै कमल नयन को छाड़ि महातम और देव को ध्यावै परम गंग को छाड़ि पियासौ दुरमति कूप खनावै जिहिं मधुकर अंबुज रस चाख्यौ क्यों करील फल खावै सूरदास प्रभू कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै Bansuri Bajaye…
Kamal Nayan Hari Karo Kaleva (Soordas Ji ke Pad -१ )।
कमल नयन हरि करो कलेवा माखन रोटी सद्य जाम्यो दधि भाँति भाँति के मेवा खारिक दाख चिरौंजी किशमिश उज्जवल गरी बादाम सझरी सेव छुहारे पिस्ता जे तरबूजा नाम अरु मेवा बहु भाँति भाँति है षटरस के मिस्ठान सूरदास प्रभु करत कलेवा रीझे श्याम सुजान। Jevat Kanha NAND Ek Thaure (जेवत कान्हा नन्द इकठौरे) ।Surdas Jee…