माता कूष्मांडा का वाहन सिंह है। इनके आठ हाथ होते हैं, जिनमें कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र और गदा शामिल हैं। इनका यह स्वरूप शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है।
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माँ दुर्गा का तृतीय रूप माता चन्द्रघण्टा
माता चंद्रघंटा का नाम उनके मस्तक पर घंटे के आकार के अर्धचंद्र के कारण पड़ा। यह देवी शक्ति और शांति का प्रतीक मानी जाती हैं। माता चंद्रघंटा को पापों का नाशक और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।
जय भगवती भवानी नमो वरदे – माँ भगवती स्त्रोत्र
जय भगवती भवानी नमो वरदे, जय पाप विनाशिनी बहु फल दे।
जय शुम्भ निशुम्भ कपाल धरे, प्रणमामि तु देवी नरार्ति हरे।
जय चन्द्र दिवाकर नेत्र धरे, जय पावक भूषित वक्त्र वरे।
ऐसा प्यार बहा दे मैया- Aisa Pyar Baha De Maiya
ऐसा प्यार बहा दे मैया , चरणों से लग जाऊँ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया , दर्श तेरा कर पाऊँ मैं ।
ऐसा प्यार…..
जग में आकर जग को मैया , अब तक न पहचान सका ।
क्यों आया हूँ कहाँ है जाना , ये भी न मैं जान सका ।
तू है अगम अगोचर मैया , कहो कैसे लख पाऊँ मैं ।
ऐसा प्यार…..
अथ सप्त श्लोकी मां दुर्गा के सिद्ध मंत्र Ath Sapt Shloki Ma Durga Ke Siddh Mantra.
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्रयदु:खभयहारिणी का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ।।२ ।।