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Premanand ji Maharaj – Maya ka Prashna
maya ke prashna kathin hain parantu is samasya ka hal bhi hai
Premanand ji Maharaj – Pralobhan aur Bhaya Dharm se Bhrasta kar deta hai
प्रलोभन और भय मुख्य कारण हैं धर्म से भ्रष्ट होने के उपासक यदि प्रलोभन और भय में नहीं फसे तो साधना में आगे बढ़ जाता है | प्रलोभन 3 प्रकार के होते हैं- पहली घाटी काम की है, यह कामिनी है. दूसरी बाधा कंचन है. तीसरी है कीर्ति व यश| कोई बिरला ही इन्हें पार…