जब जब होता नाश धरम का और पाप बढ़ जाता है तब लेते अवतार प्रभु यह विश्व शान्ति पाता है ।। जब कंस के अत्याचारों से यह भूमंडल बेहाल हुआ, और विप्र संत त्यागी बैरागी का पापी महाकाल हुआ ।। जब पृथ्वी के हर आँसू पर टुकड़े टुकड़े पाताल हुआ, तब गर्भ से सती देवकी…
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कान्हा ने जब गोपियों की शिकायत की यशोदा मैया से।
मैया जब मैं घर से चलूँ , बुलावें ग्वालिन सादर मोय । अचक हाथ को झालो देके, मीठी बोले देवर कहके । निधरक हो जायँ साँकर देके , झपट उतारे काछनी , मुरली लेयँ छिनाय । मैं बालक ये धींगरी , इनसे कहा बसाय । खुद नाचे अरू मोयँ नचावें । क्या – क्या…
व्रज भूमि के गिरिराज पर्वत ( गोवर्धन ) की कथा।
गोवर्धन पर्वत अपना सर्वस्व श्रीकृष्ण को ही मानते हैं।यह पर्वत अपने पत्र ,पुष्प ,फल ,और जल को श्रीकृष्ण का ही मानकर उन्हें सदा समर्पित करता है।जब प्रभु तथा उनके सखाओं को भूख लगती है,तो नाना प्रकार के फल उन्हें अर्पित करता है,और प्यास लगने पर अपने मधुर जल से उन्हें तृप्त करता है।प्रभु को सजाने…
Pandavon Ke Prati ShriKrishan Ka Sneh (पांडवों के प्रति श्रीकृष्ण का स्नेह) ।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में , दुर्योधन अपनी सेना को कमज़ोर पड़ता देख ,भीष्म पितामह के पास गया और पितामह को पांडवों पर पक्षपात का आरोप लगाया ।दुर्योधन ने पितामह से काफ़ी कड़े शब्दों में कहा कि आप पांडवों को मारना नहीं चाहते हैं क्योंकि वे…
Shri Krishna aur Radha Rani ka Amar Prem
Krishna aur Radha ka prem anokha aur nyara hai. Yah Prem-rahasya koi prabhu ka bhakt hi samajh sakta hai. radha ji aur prabhu prem ki ek katha prasang is prakaar hai…. Ek baar Radhaji apni sakhiyon sang Prabhaas Tirth par snan karne gayin. Vahan par Shri Krishna ji bhi Rukmini ji aur apni anya…
Krishna Aur Sudaama Ki Mitrata
सुदामा जी श्री कृष्णजी के बचपन के मित्र थे। दोनो संदीपन ऋषि के आश्रम में साथ–साथ पढ़ाई किये थे। सुदामा ब्राह्मन पुत्र थे, और श्रीकृष्ण राजकुमार थे। दोनो आश्रम में एक ही साथ हकर गुरू से शिक्षा प्राप्त किये थे। दोनों में अटूट प्रेम था।पढ़ाई समाप्त कर दोनो अपने-अपने घर चले गयेथे। एक बार पत्नी…