दोहा—— जै गणेश गिरिजा सुवन , मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम , देउ अभय वरदान ।। चौपाई———– जय गिरिजापति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ।। …
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श्री शिवाष्टक – Shri Shivashtak
आदि अनादि अनन्त , अखण्ड अभेद सुवेद बतावैं।
अलख अगोचर रूप महेश कौ, जोगी जती-मुनि ध्यान न पावैं।।
आगम- निगम- पुरान सबैं , इतिहास सदा जिनके गुन गावैं ।
बड़भागी नर – नारी सोई , जो सांब- सदाशिव कौं नित ध्यावैं।।
ॐ नम: शिवाय (भजन) – Om Namah Shivaya
ओम् नम: शिवाय ओम् नम: शिवाय, साँसों की सरगम पे धड़कन ये दोहराय ओम् नम: शिवाय, ओम् नम:शिवाय जीवन में कैसा अँधेरा हुआ है, संदेह ने मुझको घेरा हुआ है २ मन पंछी आज बहुत ही घबराय ओम् नम: शिवाय। ओम् नम:शिवाय विश्वास की…
Jai shiv Omkara
जय शिव ओंकारा, स्वामी हर शिव ओंकारा, ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्धांगी धारा, जय शिव ओंकारा…. एकानन चतु्रानन पंचानन राजे, हंसानन गरुरासन वृषवाहन सजे, ॐ जय शिव ओंकारा…. अक्षमाला बनमाला मुंडमाला धारी, त्रिपुरारी कंसारी कर्माला धारी, ॐ जय शिव ओंकारा…. स्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगे, संकादिक गरुरादिक भूतादिक संग, ॐ जय शिव ओंकारा…. दो भुज चार…
शिवपंचाक्षरस्तोत्रम् (हिंदी अर्थ सहित) Shri Shiv Panchakshar Stotram (With Meaning)
ॐ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मय नाकाराय नमः शिवाय
जिसके कंठ में सर्पों का हार है, जिसके तीन नेत्र हैं,
भस्म ही जिसका अंगाराग है (अनुलेपन है), दिशाएँ ही जिसका वस्त्र है
उन शुद्ध अविनाशी महेश्वर को नमस्कार है