नवरात्र के प्रथम दिन घट स्थापन के बाद माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘माता शैलपुत्री’ की पूजा करने का विधान है।शैल का अर्थ है हिमालय और हिमालय के यहाँ जन्म लेने के कारन इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।पार्वती के रूप में इन्हें भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है।इनका वाहन वृषभ…
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माँ दुर्गा का सातवां रूप – माँ कालरात्रि
नवरात्र के सातवें दिन दुर्गाजी के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा होती है। इनका वर्ण अंधकार रात्रि की तरह काला है ।बाल बिखरे हुये हैं और गले में माला बिजली की तरह देदीप्यमान है।इन्हें तमाम आसुरि शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है।इनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं ।इनके एक हाथ में…
माँ दुर्गा का छठा रूप – माँ कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन दुर्गाजी के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा और अर्चना की जाती है।ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना करने से अर्थ , धर्म , काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।माँ ने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया,इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।इनका रंग स्वर्ण की…
माँ दुर्गा का पंचम रूप माँ स्कन्दमाता
नवरात्र के पाँचवे दिन दुर्गाजी के पाँचवे स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है।स्कंद शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय (षडानन,अर्थात छह मुख वाले) का एक नाम है।स्कंद की माँ होने के कारण ही इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। माना जाता है कि माँ दुर्गा का यह रूप…
ऐसा प्यार बहा दे मैया- Aisa Pyar Baha De Maiya
या देवी सर्वभूतेषू दया रूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: । दुर्गा दुर्गति दूर कर , मंगल कर सब काज । मन मंदिर उज्जवल करो , कृपा कर के आज ।। ऐसा प्यार बहा दे मैया , चरणों से लग जाऊँ मैं । सब अंधकार मिटा दे मैया ,…
माँ आदि शक्ति की कथा ( देवी पुराण से)
१८ महापुराणों में देवीपुराण की विशेष महिमा है।इसे ‘महाभागवत’ के नाम से भी कहा गया है।इस पुराण में ८१ अध्याय और प्राय: ४५०० श्लोक हैं।इस पुराण के आदि उपदेष्टा महादेव भगवान् सदाशिव हैं।उन्होंने इसे देवर्षि नारद को सुनाया था।उसी महादेव-नारद-संवाद को महर्षि वेदव्यासजी ने महर्षि जैमिनी को सुनाया।उसके बाद इस कथा को लोमहर्षण श्रीसूतजी ने…
जय जय गिरिवर राज किशोरी (सीता जी द्वारा पार्वती जी की स्तुति)- Jai Jai Girivar Raj Kishori
जय -जय गिरिवर राज किशोरी । जय महेश मुख चन्द चकोरी।।जय गजबदन षडाननमाता ।जगत जननी दामिनी दुति गाता।।नहिं तव आदि मध्य अवसाना । अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।भव भव विभव पराभव कारिनि। विश्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।पति देवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख।महिमा अमित न सकहिं कहि सहस् सारदा सेष।। सेवत तोहि सुलभ…
Durga Saptashati ke sidh mantra(in sanskrit)
§ Aapatti Uddhar mantra: Sharnagat dinartha paritraan parayne | Sarvsyati Hare devi narayani namoastute || Vipattinashak tatha subhdayak mantra: Karotu sa nah shubh heturishwari । Subhani bhadranyabhihantu chapadah ।। Bhay vinashak mantra: …
Durga Kavach (In Sanskrit)
संस्कृत से हिंदी अनुवाद के साथ पढ़ने के लिए क्लिक करें – Durga Kavach (hindi translation) श्री दुर्गा कवचम् (हिन्दी अनुवाद के साथ ) Om Sarvamangal Maangalya Shive Sarvaarth Saadhike Sharanyetra Ambike Gauri Narayani Namostute Kavach Praarambhah Om Namashchandikaaye Maarkandeya Uvaach. Om Yadguhyam Parmam Loke Sarva Rakshaakaram Nrinaam Yann Kasya Chidaakhyaatam Tanme Broohi Pitamah…
Jai Bhagwati Bhawani Namo Varde Ma Bhagwati Stotram
Jai Bhagwati Bhawani Namo Varde, Jai Paap Vinaashani Bahu Fal De Jai Shumbh Nishumbh Kapaal Dhare Pranmamitu Devi Naraati Hare Jai Chandra Diwakar Netra Dhare Jai Paawak Bhushit Vaktra Vare Jai Bhairav Deh Nileen Pare Jai Andhak Daitya Vishesh Kare Jai Mahish Vimardini Shoolkare Jai Lok Samastak Paap Hare Jai Devi Pitamah Vishnuh Nate Jai…