भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे , हो रही जय-जयकार मंदिर बिच आरती जय माँ, हे दरबारावाली आरती जय माँ । काहे की मैया तेरी आरती बनावाँ ,काहे दीपावाँ बीच बाती मंदिर बिच आरती जय माँ , सुहे चोलियाँवाली आरती जय माँ। सर्व सोने दी तेरी आरती बनावाँ , अगर कपूर पावाँ बाती मंदिर…
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श्री राधा जी की आरती- SreeRadhaJee Ki Aarti.
आरती श्रीबृषभानु लली की । सत – चित – आनंद- कंद – कली की ।। टेक ।। भयभंजिनि भव – सागर – तारिनि , पाप – ताप – कलि – कल्मष – हारिनि , दिब्यधाम – गोलोक – बिहारिनि , जनपालिनि जगजननि भलीकी ।। १…
Bhagwat Bhagwan Ki Hai Aarti ( भागवत् भगवान की है आरती )।
भागवत् भगवान की है आरती , पापियों को पाप से है तारती ।—२ ये अमर ग्रंथ , ये मुक्ति पंथ , ये पंचम वेद निराला । नव ज्योति जगाने वाला , हरि ज्ञान यही ,बरदान यही , जग के मंगल की आरती , पापियों को पाप से है तारती । भागवत् भगवान की…
Aarti Shri Ambe Jee Ki ( आरती श्री अम्बे जी की )
जय अम्बे गौरी , मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी ।। १।।जय अंबे माँग सिन्दूर विराजत , टीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैना , चन्द्रवदन नीको ।।२ ।।जय अंबे कनक समान कलेवर , रक्ताम्बर राजे । रक्तपुष्प गल माला , कण्ठन पर साजे ।।३ ।।जय अंबे केहरि वाहन…
Durga Ma Ki Aarti (ओम् जग जननी जय जय ) ।
” नीरांजनं सुमंगल्यम् कर्पूरेण समन्वितम् । चन्द्रार्कवन्हि सदृशं महादेवी नमोस्तुते ।।” जग जननी जय जय, माँ जग जननी जय जय । भयहारिणी भवतारिणी भवभामिनि जय जय ।।१ ।।ओम् जग जननी तू ही सत-चित-सुखमय , शुद्ध ब्रह्मरूपा । सत्य सनातन सुन्दर , पर-शिव सुर भूपा ।।२ ।।ओम् जग जननी आदि अनादि अनामय , अविचल अविनाशी…
श्री रामायणजी की आरती – Shri Ramayan ji Ki Aarti
आरति श्री रामायणजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की ।। गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद । बालमीक बिग्यान बिसारद ।। सुक सनकादि सेष अरु सारद । बरनि पवनसुत …
Mai Aarti Teri Gaoon (मैं आरती तेरी गाऊँ ) । [Krishna Aarti ]
Mai Aarti Teri Gaoon मैं आरती तेरी गाऊँ , ओ केशव कुंजबिहारी । मैं नित-नित शीश नवाऊँ , ओ मोहन कृष्ण मुरारी।। है तेरी छवि अनोखी , ऐसी न दूजी देखी । तुझसा न सुंदर कोई , ओ मोर मुकुट धारी।। मैं आरती………………… । जो आए शरण तिहारी , मिट जाए विपदा…
Om Jai Shri Krishna Hare.( आरती श्री कृष्ण जी की ।)
ऊँ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे , भक्तन के दु:ख सारे पल में दूर करे ।ऊँ जय । परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी , जय रस रास विहारी , जय जय गिरधारी ।ऊँ जय। बरू किंकिन कटि सोहत कानन में बाला , मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला ।ऊँ जय…
Ma Kali Ki Aarti.(माँ काली जी की आरती।)
अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती। ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती । माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी । दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी । सौ सौ सिंहों से है बलशाली…
Parvati Jee Ki Aarti. (पार्वती जी की आरती )।
जय पार्वती माता , मैया जय पार्वती माता । ब्रह्म सनातन देवी , शुभ फल की दाता ।। जय पार्वती माता ……………………………. अरिकुल पद्म विनासनि, जय सेवक त्राता । जग जीवन जगदम्बा , हरिहर गुण गाता ।। जय पार्वती माता …………………………….. सिंह को वाहन साजे , कुण्डल है साथा ।…