नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु मन माहीं॥प्रथम भगति संतन्ह कर संगा। दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥ गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान॥ मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा। पंचम भजन सो बेद प्रकासा॥छठ दम सील बिरति बहु करमा। निरत निरंतर सज्जन धरमा॥ सातवँ सम…
Category: Information
माँ दुर्गा का सातवां रूप – माँ कालरात्रि
नवरात्र के सातवें दिन दुर्गाजी के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा होती है। इनका वर्ण अंधकार रात्रि की तरह काला है ।बाल बिखरे हुये हैं और गले में माला बिजली की तरह देदीप्यमान है।इन्हें तमाम आसुरि शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है।इनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं ।इनके एक हाथ में…
माँ दुर्गा का छठा रूप – माँ कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन दुर्गाजी के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा और अर्चना की जाती है।ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना करने से अर्थ , धर्म , काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।माँ ने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया,इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।इनका रंग स्वर्ण की…
माँ दुर्गा का पंचम रूप माँ स्कन्दमाता
नवरात्र के पाँचवे दिन दुर्गाजी के पाँचवे स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है।स्कंद शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय (षडानन,अर्थात छह मुख वाले) का एक नाम है।स्कंद की माँ होने के कारण ही इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। माना जाता है कि माँ दुर्गा का यह रूप…
दादी – नानी माँ के घरेलू प्राथमिक उपचार
(इलायची का उपयोग) १- मुँह में छाले हो तो इलायची को पीसकर उसमें शहद मिलाकर लगाने से छाले ठीक होते हैं। २- २-३ ग्राम इलायची को पीसकर मिश्री मिलाकर लेने से पेशाब कम अाना या जलन होने की समस्या में शीघ्र लाभ होता है। ३- हिचकी नहीं रुक रही हो तो…
एलोवेरा के गुण
१- घृतकुमारी ( एलोवेरा ) के गुदे को निकालकर ,टुकड़े बनाकर पकाकर खाने से सन्धिवात, वायु विकार , पेट व यकृत् के विकार का नाश होता है। २- कटे हुए या जले हुए स्थान पर उसी समय एलोवेरा जेल या रस लगाने से फफोला नहीं पड़ता, रक्त बहना रुक जाता है तथा जख्म…
अजवायन के गुण ।
अजवाइनको पीस कर त्वचा पर लगाने से त्वचा रोग दूर होता है। २- फोड़ा फुन्सी में अजवाइन को पीस कर नींबू के साथ लगाने से भी आराम मिलता है। ३- पित्त रोग में अजवाइन गुड़ लेने से पित्त रोग ठीक हो जाता है। ४- यदि सर्दी लगी हो तो अदरक का रस शहद के साथ…
Use Of Turmeric ( हल्दी के गुण )
हल्दी के आयुर्वेद में अनेक गुण बताये गये हैं।धार्मिक कार्यों में हल्दी को मंगलकारी बताया गया हैं कोई भी शुभ कार्य हल्दी के बिना सम्पन्न नहीं होता। इसके अतिरिक्त हल्दी सौंदर्यवर्धक रक्तशोधक तथा एंटिसेप्टिक होती है।आयुर्वेद में कफ, वात, सूजन, कृमि , पित्त और अपचन घाव खुजली रक्तशोधक, तथा त्वचा के रोग में भी हल्दी…
Geeta Sar (गीता सार )।
गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै:शास्त्रविस्तरै: । या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद् विनि:सृता ।। भगवदगीता पूर्ण पुरुषोत्तम परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली है, इसलिये हमें नित्यप्रति ध्यानपूर्वक तथा श्रद्धापूर्वक श्रवण तथा पठन करना चाहिये।आज समस्त वैदिक साहित्य का अध्ययन कर पाना सम्भव नहीं है। भगवदगीता समस्त वैदिक साहित्य का सार है, और इसका प्रवचन स्वयं भगवान…
Bhagwan Shankar Ke 108 Nam (भगवान शंकर के १०८ नामों का वर्णन )
।७१.१. ओम् शिवाय नम: २. ओम् महेश्वराय नम: ३. ओम् शम्भवे नम: ४. ओम् पिनाकिने नम: ५. ओम् शशिशेखराय नम: ६. ओम् वामदेवाय नम: ७. ओम् विरूपाक्षाय नम: ८. ओम् कपर्दिने नम: ९. ओम् नीललोहिताय नम: १०. ओम् शंकगय नम: ११. ओम् शूलपाणिने नम: १२. ओम् खट्वांगिने नम: १३. ओम् विष्णुवल्लभाय नम: १४. ओम् शिपिविष्टाय…