नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु मन माहीं॥प्रथम भगति संतन्ह कर संगा। दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥ गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान॥ मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा। पंचम भजन सो बेद प्रकासा॥छठ दम सील बिरति बहु करमा। निरत निरंतर सज्जन धरमा॥ सातवँ सम…
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शरणागत पाल कृपाल प्रभु (राम भजन) Sharnaagat paal kripaal prabhu (ram bhajan)
!! प्रणत पाल रघु नायक, करुणा सिंधु खरारी गये शरण प्रभु राखिये, तव अपराध विसारी !! शरणागत पाल कृपाल प्रभु हमको एक आस तुम्हारी है तुम्हरे सम दुसर और नहीं नहीं दीनन के हितकारी है सुधि लेत सदा सब जीवन की अति ही करुणा विस्तारि है जब नाथ दया करी देखत हैं छूटी जात…
जब जानकीनाथ सहाय करें – राम भजन – Jab jankinath sayah karein
(तुलसीदासजी रचित भजन श्री रामजी की दयालुता का वर्णन करते हुए) Ram Bhajan जब जानकीनाथ सहाय करें, तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो । सूरज मंगल बुद्ध भृगुसुत, बुद्ध और गुरू सहायक तेरो । राहु केतु जहाँ गम्य नाही , संग शनीचर होत उचेरो । जब जानकीनाथ सहाय करें , तब कौन बिगाड़ करे नर…
Bhajman Ram charan sukhdai
भजमन राम चरण सुखदायी,भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि चरणन से निकसि सुरसरि,शंकर जटा समायी जटा शंकरी नाम परयो है , त्रिभुवन तारण आयी । भजमन राम चरण सुखदायी । जेहि चरणन की चरण पादुका , भरत लियो लव लाई सोई चरण केवट धोय लीने , तब हरि नाव चढ़ाई । भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि…
मैं राम नाम गुण गाऊँ – Mai Ram Nam Gun Gaun
मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ । … तेरा सहारा लेकर भगवन भवसागर तर जाऊँ ।। विपदा के मारों का तू है , जनम – जनम का साथी , तेरे ही नाम से रौशन दुनिया की अँधियारी वाती । मन मन्दिर में निशदिन भगवन प्रेम की जोत जलाऊँ…
Shri Ram Katha (Short version )
मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी ।। नीलाम्बुजश्यामलकोमलाड़्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।। रामायण प्रभु श्रीराम की कथा है, जिन्हें श्रवण करने से या पाठ करने से पाप ताप संताप (त्रयताप ) का नाश होता है।रामायण को राम रूप भी कहा गया है।रामायण में सात…
Shri Ram Katha (Short version )
मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी ।। नीलाम्बुजश्यामलकोमलाड़्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।। रामायण प्रभु श्रीराम की कथा है, जिन्हें श्रवण करने से या पाठ करने से पाप ताप संताप (त्रयताप ) का नाश होता है।रामायण को राम रूप भी कहा गया है।रामायण में सात…
श्री रामायणजी की आरती – Shri Ramayan ji Ki Aarti
आरति श्री रामायणजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की ।। गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद । बालमीक बिग्यान बिसारद ।। सुक सनकादि सेष अरु सारद । बरनि पवनसुत …
Ram Jee Ki Stuti ( राम जी की स्तुति ।)
मैं हूँ श्री भगवान का , मेरे श्री भगवान । अनुभव यह करती रहूँ , साधन सुगम महान ,।। प्रभु के चरणों में सदा , पुनि पुनि करूँ प्रणाम ।। कहूँ कभी भूलूँ नहीं , मेरे प्रभु श्री राम ।। बार बार बर माँगउँ ,हरषि देहू श्री रंग । पद सरोज अनपायनी भक्ति सदा सत्संग…
Prabhu shriRam Ke Charano Me Shabari Ki Ananya Bhakti. (प्रभू श्रीराम के चरणों में शबरी की अनन्य भक्ति)। ,( श्रीराम चरित मानस ) ।
ताहि देइ गति राम उदारा । शबरी कें आश्रम पगु धारा ।। शबरी देखि राम गृहँ आए । मुनि के बचन समुझि जियँ भाए ।। सरसिज लोचन बाहु बिसाला । जटा मुकुट सिर उर बनमाला ।। स्याम ग़ौर सुंदर दोउ भाई । शबरी परी चरन लपटाई ।। प्रेम मगन मुख बचन न आवा । पुनि…