नमामीशमीशान निर्वाणरूपं , विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेअहं ।। १ ।। ( हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म, और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर तथा सबके स्वामी श्री शिवजी ! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निज स्वरूप में स्थित ( अर्थात मायादि रहित ), मायिक गुणों से रहित…
श्री शिव चालीसा-Shri Shiv Chalisa
दोहा—— जै गणेश गिरिजा सुवन , मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम , देउ अभय वरदान ।। …
Milta Hai Sachha Sukh Keval Data Tumhare Charano Me.
मिलता है सच्चा सुख केवल, दाता तुम्हारे चरणों में । विनती है यह पल-पल क्षण-क्षण, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।। चाहे वैरी कुल संसार बने , चाहे जीवन मेरा भार बने । चाहे मौत गले का हार बने , रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।। …
श्री शिवाष्टक – Shri Shivashtak
आदि अनादि अनन्त , अखण्ड अभेद सुवेद बतावैं। अलख अगोचर रूप महेश कौ, जोगी जती-मुनि ध्यान न पावैं।। आगम- निगम- पुरान सबैं , इतिहास सदा जिनके गुन गावैं । बड़भागी नर – नारी सोई , जो सांब- सदाशिव कौं नित ध्यावैं।। … सृजन , सुपालन लय लीलाहित, जो…
Dwadash Jyotirlings (शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंग )
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् । उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम् ।। परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम् । सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ।। वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं …
Dasha Mugh Deen Ki Bhagwan Samhaloge To Kya Hoga.(दशा मुझ दीन की भगवनसम्भालोगे तो क्या होगा ।)
Dasha Mugh Deen Ki Bhagwan Samhaloge To Kya Hoga दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा । अगर मैं पापी हूँ तो पापहर तुम हो, ये लज्जा दोनो नामों की, मिटा दोगे तो क्या होगा। दशा मुझ दीऩ की। ……………………. यहाँ सब मुझको कहते हैं तू मेंरा है तू मेंरा है, मैं किसका…
Mukh Se Jap Le Om Namah Sivaya( मुख से जप ले ओम नम:शिवाय)
पल पल जीवन बीता जाय मुख से जप ले ओम नम:शिवाय। शिव शिवा नाम हृदय से बोलो मन मंदिर का परदा खोलो । तेरी उमरिया निष्फल जाय ।। मुख…
SankatMochan Hanumanashtak (संकटमोचन हनुमानाष्टक )को नहिं जानत है जग मेंकपि,संकटमोचन नाम तिहारो।
बाल समय रबि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो । ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो ।। देवन आनि करी …
Shri Krishan Aur Sudama Ki Mitrata (In Hindi) (कृष्ण और सुदामा की मित्रता।) हिन्दी में।
सुदामा जी श्री कृष्णजी के बचपन के मित्र थे। दोनो संदीपन ऋषि के आश्रम में साथ-साथ पढ़ाई किये थे। सुदामा ब्राह्मन पुत्र थे, और श्रीकृष्ण राजकुमार थे। दोनो आश्रम में एक ही साथ हकर गुरू से शिक्षा प्राप्त किये थे। दोनों में अटूट प्रेम था।पढ़ाई समाप्त कर दोनो अपने-अपने घर चले गयेथे। एक…
Hanuman Jee Ke (12) Dwadas Nam ( हनुमान जी के बारह नाम ।)
Read prabhu Hanuman’s twelve beautiful names. १ . हनुमान २ . अंजनी पुत्र ३ . वायु पुत्र ४. महाबल …