” नीरांजनं सुमंगल्यम् कर्पूरेण समन्वितम् । चन्द्रार्कवन्हि सदृशं महादेवी नमोस्तुते ।।” जग जननी जय जय, माँ जग जननी जय जय । भयहारिणी भवतारिणी भवभामिनि जय जय ।।१ ।।ओम् जग जननी तू ही सत-चित-सुखमय , शुद्ध ब्रह्मरूपा । सत्य सनातन सुन्दर , पर-शिव सुर भूपा ।।२ ।।ओम् जग जननी आदि अनादि अनामय , अविचल अविनाशी…
Bhagwan Shankar Ke 108 Nam (भगवान शंकर के १०८ नामों का वर्णन )
।७१.१. ओम् शिवाय नम: २. ओम् महेश्वराय नम: ३. ओम् शम्भवे नम: ४. ओम् पिनाकिने नम: ५. ओम् शशिशेखराय नम: ६. ओम् वामदेवाय नम: ७. ओम् विरूपाक्षाय नम: ८. ओम् कपर्दिने नम: ९. ओम् नीललोहिताय नम: १०. ओम् शंकगय नम: ११. ओम् शूलपाणिने नम: १२. ओम् खट्वांगिने नम: १३. ओम् विष्णुवल्लभाय नम: १४. ओम् शिपिविष्टाय…
देना हो तो दीजिये जनम जनम का साथ (Dena ho to dijiye)
देना हो तो दीजिये ,
जनम -जनम का साथ ।
अब तो कृपा कर दीजिये ,
जनम-जनम का साथ।
Sharan Me Aa Para Tere , Prabhu Mujhko Na Thukarana (शरण में आ पड़ा तेरे,प्रभु मुझको न ठुकराना)। (Krishna Bhajan)
शरण में आ पड़ा तेरे, प्रभु मुझको न ठुकराना । पकड़ लो हाथ अब मेरा, नाथ देरी लगाना ना । तेरा है नाम दुनियाँ में , पतितपावन सभी जानें, पतितपावन सभी जानें –२ देखकर एक नजर प्रभुजी , नजर मुझसे हटाना ना। शरण में आ पड़ा तेरे, प्रभु मुझको न ठुकराना । काल की है…
Shri Rudrashtkam ( श्री रूद्राष्टकम् (शिव अष्टक ) ) । (With Hindi Meaning )
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं , विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेअहं ।। १ ।। ( हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म, और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर तथा सबके स्वामी श्री शिवजी ! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निज स्वरूप में स्थित ( अर्थात मायादि रहित ), मायिक गुणों से रहित…
श्री शिव चालीसा-Shri Shiv Chalisa
दोहा—— जै गणेश गिरिजा सुवन , मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम , देउ अभय वरदान ।। चौपाई———– जय गिरिजापति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ।। …
Milta Hai Sachha Sukh Keval Data Tumhare Charano Me.
मिलता है सच्चा सुख केवल, दाता तुम्हारे चरणों में । विनती है यह पल-पल क्षण-क्षण, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।। चाहे वैरी कुल संसार बने , चाहे जीवन मेरा भार बने । चाहे मौत गले का हार बने , रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।। …
श्री शिवाष्टक (सांब सदाशिव) – Shri Shivashtak (Samb Sadashiv)
आदि अनादि अनन्त , अखण्ड अभेद सुवेद बतावैं।
अलख अगोचर रूप महेश कौ, जोगी जती-मुनि ध्यान न पावैं।।
आगम- निगम- पुरान सबैं , इतिहास सदा जिनके गुन गावैं ।
बड़भागी नर – नारी सोई , जो सांब- सदाशिव कौं नित ध्यावैं।।
Dwadash Jyotirlings (शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंग )
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् । उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम् ।। परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम् । सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ।। वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं …
Dasha Mugh Deen Ki Bhagwan Samhaloge To Kya Hoga.(दशा मुझ दीन की भगवनसम्भालोगे तो क्या होगा ।)
Dasha Mugh Deen Ki Bhagwan Samhaloge To Kya Hoga दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा । अगर मैं पापी हूँ तो पापहर तुम हो, ये लज्जा दोनो नामों की, मिटा दोगे तो क्या होगा। दशा मुझ दीऩ की। ……………………. यहाँ सब मुझको कहते हैं तू मेंरा है तू मेंरा है, मैं किसका…