श्रीकृष्ण भगवान का एक बहुत ही प्यारा भक्त था, जिसका नाम अहमदशाह था।अहमद को भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते रहते थे।उन्हें प्रभु की अहैतुकी कृपा प्राप्त होती रहती थी।भगवान अपने भक्त के साथ कभी-कभी मधुर विनोद भी किया करते थे।एक दिन अहमदशाह अपनी लम्बी टोपी पहन कर भगवान के ध्यान में बैठे थे ।भगवान को…
Category: Stories (Kahani)
Short Story Of Maharshi Valmeekijee. ( महर्षि वाल्मीकिजी की संक्षिप्त कथा ।)
एक समय की बात है , महर्षि वाल्मीकि वन में विचरण कर रहे थे । वन की शोभा अत्यन्त रमणीय थी ।वन में तरह – तरह के जीव – जन्तु तथा पक्षियों का बसेरा था।महर्षि जहाँ खड़े थे , उनके पास ही दो सुन्दर पक्षी स्नेहपूर्ण भाव से एक दूसरे के साथ रमण कर रहे…
Bhakt prahlad Ki Nyaypriya Katha. ( भक्त प्रह्लाद की न्यायप्रिय कथा ।)
प्रह्लाद पुत्र विरोचन , केशिनी नाम की एक अनुपम सुन्दरी कन्या के स्वयंवर में विवाह की इच्छा से पहुँचा।केशिनी सुधन्वा नाम के ब्राह्मण से विवाह करना चाहती थी।केशिनी ने विरोचन से पूछा — विरोचन ! ब्राह्मण श्रेष्ठ होते हैं या दैत्य ? यदि ब्राह्मण श्रेष्ठ होते हैं , तो मैं ब्राह्मण पुत्र सुधन्वा से ही…
Narad ji ki purv janam ki katha
नारदजी पूर्वजन्म में एक दासीपुत्र थे।उनकी माता भक्तों की जब सेवा करती थी, नारदजी भी उनके काम में सहायता करते थे।कभी- कभी माता की अनुपस्थिति में वे स्वयं भक्तों की सेवा करते रहते थे।नारदजी स्वयं कहते हैं — उच्छिष्टलेपाननुमोदितो द्विजै: सकृत्स्म भुंजे तदपास्तकिल्बिष: । एवं प्रवृत्तस्य विशुद्धचेतस- स्तद्धर्म एवात्मरुचि:…
Papa paiyaan, chalein kanhaiya…!!
नंद भवन के आँगन में श्यामसुन्दर ,अपने छोटे- छोटे चरणों से चलना सीख रहे हैं।मैया यशोदा कान्हा की अँगुली पकड़कर साथ – साथ घूम रही हैं।कान्हा के चलने से ,उनके छोटे छोटे पैंजनी के रुनझुन बजने की आवाज यशोदा मैया को हर्षित कर रही है।मोहन के कानों के कुंडल तथा भौंहों तक सुन्दर घुँघराले बालों…
ShriKrishna aur RukminiJi Ka Vivah.
कुण्डिनपुर के राजा भीष्मक अपनी पुत्री रुक्मिणी का विवाह श्री कृष्ण से करना चाहते थे, परन्तु उनका बड़ा पुत्र रुक्मी श्रीकृष्ण का विरोधी था। वह शिशुपाल से अपनी बहिन रुक्मिणी का विवाह करना चाहता था।रुक्मिणीजी मन ही मन श्रीकृष्ण को अपना पति मान चुकि थी।रुक्मी के हठ के कारण राजा भीष्मक ने शिशुपाल से ही अपनी…
Shri Ram Katha (Short version )
मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी ।। नीलाम्बुजश्यामलकोमलाड़्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।। रामायण प्रभु श्रीराम की कथा है, जिन्हें श्रवण करने से या पाठ करने से पाप ताप संताप (त्रयताप ) का नाश होता है।रामायण को राम रूप भी कहा गया है।रामायण में सात…
गोस्वामी तुलसीदासजी की संक्षिप्त जीवनी।
प्रयाग के पास चित्रकूट जिले में राजापुर नामक एक ग्राम है, वहाँ आत्माराम दूबे नाम के एक प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राह्मण रहते थे।उनकी धर्मपत्नी का नाम हुलसी देवी था।संवत् १५५४ की श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में इन्हीं भाग्यवान् दंपति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात् गोस्वामी तुलसीदासजी का…
Karwa chauth Vrat Katha.
कार्तिक मास में कृष्णपक्ष के चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है।इस दिन गणेश जी का पूजन होता है ।इस दिन सुहागन स्त्रीयाँ अपने पति की लम्बी आयु के लिये व्रत रखती है।प्राचीन काल में द्विज नामक ब्राह्मण के सात पुत्र और एक पुत्री थी जिसका नाम वीरावती था।वीरावती विवाह के बाद प्रथम बार करवा…
BhaiDooj Ki Katha ( yam Dwitia ) .
भगवान् सूर्यनारायण की पत्नी का नाम छाया था। उन्हीं की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था ।यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह भाई से हमेशा निवेदन करती थी कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करे। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ल…