मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी ।। नीलाम्बुजश्यामलकोमलाड़्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।। रामायण प्रभु श्रीराम की कथा है, जिन्हें श्रवण करने से या पाठ करने से पाप ताप संताप (त्रयताप ) का नाश होता है।रामायण को राम रूप भी कहा गया है।रामायण में सात…
Category: Stories (Kahani)
Shri Radhe Krishna Bhakt Ki Katha- श्री राधे कृष्ण भक्त की कथा
श्री राधा कृष्ण के भक्त, श्री सनातन गोस्वामी तथा श्री रूप गोस्वामी बृदावन में रहते हुए प्रभु की भक्ति करते थे।दोनो सन्त प्रभु की भक्ति में कुछ भी रचना करते तो , एक दूसरे को सुनाया करते थे।कभी भजन, कभी कविता या राधे कृष्ण की कथा करते और दोनों ही भक्ति में भाव विभोर हो…
Shri Radha Aur Krishan Ka Alaukik Vivah ( श्री राधा और कृष्ण का अलौकिक विवाह )
“श्री राधा और कृष्ण का , है परम प्रेम जग से न्यारा । यह रहस्य समझना मुश्किल है,इसे समझे कोई प्रभु का प्यारा।।” राधा रानी तथा श्री कृष्ण का प्रेम अलौकिक है। श्री कृष्ण और राधा रानी का विबाह बसंतपंचमी के दिन हुआ था।द्वापर युग में श्रीकृष्ण तथा राधा रानी पृथ्वी पर अवतार लेकर अपनी…
Krishana Damodar Nam Rahasya katha (कृष्ण दामोदर नाम का रहस्य कथा)
दामोदर नाम का अर्थ है, दाम तथा उदर ।अर्थात दाम यानि रस्सी तथा उदर का अर्थ है पेट।पेट को रस्सी से बाँधना।कन्हैया को ओखल से मैया का बाँधना । एक दिन यशोदा माँ मन ही मन कान्हा का ध्यान करते हुए अपने हाथों से माखन मथानी से निकाल रही थी। कान्हा खेलते हुए अाते हैं…
Shri Krishan Aur Sudama Ki Mitrata (In Hindi) (कृष्ण और सुदामा की मित्रता।) हिन्दी में।
सुदामा जी श्री कृष्णजी के बचपन के मित्र थे। दोनो संदीपन ऋषि के आश्रम में साथ-साथ पढ़ाई किये थे। सुदामा ब्राह्मन पुत्र थे, और श्रीकृष्ण राजकुमार थे। दोनो आश्रम में एक ही साथ हकर गुरू से शिक्षा प्राप्त किये थे। दोनों में अटूट प्रेम था।पढ़ाई समाप्त कर दोनो अपने-अपने घर चले गयेथे। एक…
Shri Krishna Bhakt Arjun Ki Katha .(श्री कृष्ण भक्त अर्जुन की कथा ।)
ये कथा द्वापरयुग की है , जब भगवान श्री कृष्ण धरती पर अवतार लेकर लीला कर रहे थे , और उस समय द्वारिका के राजा थे।भगवान भोलेनाथ श्री कृष्ण लीला का दर्शन करते हुए ,एक दिन कैलाश पर ध्यान मग्न बैठे थे ।मन ही मन भक्तों की महानता के विषय में सोंच रहे थे। कृष्णभक्त…
Shree Krishna Bhakta RasKhan Ji Ki Katha (श्री कृष्ण भक्त रसखान जी की कथा ।)
आने श्रीकृष्ण के भक्त रसखान एक मुसलमान व्यक्ति थे । एक बार वो अपने उस्ताद के साथ मक्का मदीना, हज पर जा रहे थे। उनके उस्ताद ने कहा – देखो हिन्दुओं का तीर्थ स्थल वृन्दावन आने बाला है, वहाँ एक काला नाग रहता है। मैंने सुना है , नाग वृंदावन आने बाले यात्रियों को डस…
Bhiksha Ka upyog , Mahatma Jee Ki Udarta. (भिक्षा का उपयोग , महात्मा जी की उदारता ) ।
स्वामी रामदास जी का यह नियम था, कि वे स्नान एवं पूजा से निवृत होकर भिक्षा माँगने के लिए केवल पाँच घर ही जाते थे और कुछ न कुछ लेकर ही वहाँ से लौटा करते थे। एक बार उन्होंने एक घर के द्वार पर खड़े होकर ,जय जय रघुवीर का घोष किया ही था कि…
Bhakt Aur Bhagwan Ke Beech Madhur Vinod . (भक्त और भगवान के बीच मधुर विनोद )।
भगवान का एक मुसलमान भक्त थे जिनका नाम अहमदशाह था ।अहमदशाह को प्रायः भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते रहते थे।भगवान उनसे विनोद भी किया करते थे । एक दिन अहमदशाह एक बड़ी लम्बी टोपी पहन कर बैठे हुए थे। भगवान को उनकी टोपी देखकर हँसी आ गई और उन्हें विनोद करने का ख़्याल आया। प्रभु…
Pandavon Ke Prati ShriKrishan Ka Sneh (पांडवों के प्रति श्रीकृष्ण का स्नेह) ।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में , दुर्योधन अपनी सेना को कमज़ोर पड़ता देख ,भीष्म पितामह के पास गया और पितामह को पांडवों पर पक्षपात का आरोप लगाया ।दुर्योधन ने पितामह से काफ़ी कड़े शब्दों में कहा कि आप पांडवों को मारना नहीं चाहते हैं क्योंकि वे…