श्री कृष्णचन्द्र कृपालु भजु मन, नन्द नन्दन यदुवरम् । आनन्दमय सुखराशि ब्रजपति, भक्तजन संकटहरम् । सिर मुकुट कुण्डल तिलक उर, बनमाल कौस्तुभ सुन्दरम् । आजानु भुज पट पीत धर, कर लकुटि मुख मुरली धरम् । बृष…
Category: Bhajan
झाँकी करने को आज मैं श्रीजी के द्वार चली
Shree Jee सपने को साकार बनाया, करके कृपा मुझे पास बुलाया , मुझ अनाथ को श्रीनाथ ने , देकर प्रेम सनाथ बनाया , अपने पतिदेव के साथ चली , मेरी नैया पार लगी । झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली । बहुत दिनों के बाद , मेंरी…
ShreeRadhaRani Tatha Unki Asht Sakhiyan
श्रीराधारानी – चरण बंदौं बारंबार । जिन के कृपा कटाच्छ तैं रीझैं नंदकुमार ।। जिनके पद – रज – परस तें स्याम होयँ बेभान । बंदौं तिन पद – रज -कननि मधुर रसनि के खान।। जिनके दरसन हेतु नित , बिकल रहत घनस्याम । तिन चरनन मैं बसै मन मेरौ आठौं याम ।।…
Gwalbal sang Dhenu Charawat Krishna.
श्यामसुन्दर अपने सखा से गैया चराते हुये कहते हैं, ‘ सखा सुबल, श्रीदामा, तुमलोग सुनो ! वृन्दावन मुझे बहुत अच्छा लगता है, इसी कारण मैं व्रज से यहाँ वन में गायें चराने आता हूँ।कामधेनु, कल्पवृक्ष आदि जितने वैकुण्ठ के सुख हैं,देवि लक्ष्मी के साथ वैकुण्ठ के उन सब सुखों को मैं भूल जाता हूँ।इस वृन्दावन…
Maiya Mohi Daoo Bahut Khijayau.(मैया मोहे दाऊ बहुत खिजायौ।) सूरदासजी के पद ।
मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ । मोसौं कहत मोल कौ लीन्हौ, तू जसुमति कब जायौ? कहा करौं इहि रिस के मारैं , खेलन हौं नहिं जात । पुनि-पुनि कहत कौन है माता , को है तेरौ तात ।। गोरे नंद जसोदा गोरी , तू कत स्यामल गात । चुटकी दै-दै ग्वाल नचावत , हँसत ,…
Dhanyawad Prabhu (Prayer)
धन्यवाद प्रभु तुमने हमको , अपना ये अंश स्वीकार किया। आकार दिया, प्रकार दिया मन वाणी और विचार दिया, अपनी इस पावन सृष्टि में, लाकर जीवन साकार किया। धन्यवाद प्रभु तुमने हमको, अपने जैसे पितु मात दिये कुटुम्ब दिया, भोजन भी दिया , ममता और प्रीत अपार दिया , जलवायु ,अग्नि ,साधन से पोषित करके…
भेद नहीं करता मेरा कान्हा, है परखता भाव ही।
भेद नहीं करता मेरा कान्हा, है परखता भाव ही । जिस हाथ से माखन खाया, उस हाथ से ही तूने माटी भी , जिस स्वाद से छप्पन भोग लिये, उसी स्वाद से साग और रोटी भी , जिस मौज से खेले ग्वाले संग , उसी मौज से मारे असुर को भी , भेद नहीं करता…
Yashoda Tori Bhagya Ki Kahi Na Jaye.(यशोदा तोरी भाग्य की कही न जाए )
अहा भाग्य की कहि न जाई । यशोदा तोरी भाग्य की कहि न जाई। जो मूरत ब्रह्मादिक , मुनि दुर्लभ , सो प्रगटे हैं आई ,भाग्य की कहि न जाई । यशोदा तोरी भाग्य की कहि न जाई । शिव नारद सनकादि महामुनि , मिलवे करत उपाई । ते नंदलाल धूलि धुसरित हैं यशोदा कण्ठ…
Durga Maa Se Kshama Prarthana दुर्गा माँ से क्षमा प्रार्थना
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…
माँ से क्षमा प्रार्थना ।
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…