प्रभु जी मेंरो अवगुण चित न धरो ….२ समदर्शी है नाम तुम्हारो , नाम की लाज धरो। प्रभु जी मेंरो अवगुण चित न धरो ………….. एक नदियाँ एक नार, कहावत, मैंलो नीर भरो । दोनों मिल जब एक वरण भइ…
Shri Krishna Stuti . (श्री कृष्ण स्तुति )।
हे कृष्ण करूणासिंधो दीनबंधो जगत्पते। । गोपेश गोपिकाकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते ।। ( हे कृष्ण ! आप दुखियों के सखा तथा सृष्टि के उदगम हैं। आप गोपियों के स्वामी तथा राधारानी के प्रेमी हैं। मैं आपको सादर प्रणाम करता हूँ ।) तप्तकांचन गौरांगि राधे वृन्दावनेश्वरी…
सजन सुधि ज्यों जाने त्यों लीजै (मीरा जी के पद)
सजन सुधि ज्यों जाने त्यों लीजै। तुम बिन मेंरे और न कोई , कृपा रावरी कीजै ।। धौंस न भूष रैन नहिं निद्रा , यह तन पल – पल छीजै । मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ,अब मिलि बिछुरनि नहिं कीजै।। …
Rai Shri Ranchhor Deejo Dwarika Ko Bas-(राय श्री रनछोड़ दीजो द्वारिका को बास) (मीरा जी के पद )
राय श्री रनछोड़ दीजो द्वारिका को बास । …
Hari Hari Ho Jan Ki Peer- (हरि हरिहो जन की भीर ) (मीरा बाइ जी के पद )।
हरि हरिहो जन की भीर । द्रौपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर ।। भक्त कारन रूप नरसिंह धरयो आप सरीर । हरिनकस्यप मारि लीनौं धरयो नाहिन धीर ।।…
Meera Hari Ki Larli, Bhagat Mili Bharpoor- (मीरा हरि की लाड्ली ) (मीरा बाइ जी के पद )।
मीरा हरि की लाड़ली, भगत मिली भरपूर । सांधा सूँ सनमुष रही, पापी सूं अति दूर ।। राना विष ताकौं दियो, पियो लै हरि नाम। रातों कीनो भगत मुष, राखो नहिं भव काम ।। …
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम (राम जी का भजन )-Teri Marzi ka Mai Hoo Ghulam.
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम, मेंरे अलबेले राम,मेंरे अलबेले राम, मेंरे अलबेले राम,तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम…………………………. … जो भी कराल हूँ सब तुम पर निछावर , -२दौलत मेरी तेरा नाम, मेंरे अलबेले रामतेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम…………………. … थक भी गया हूँ मैं, लंबे सफ़र में। २मेंरा जीना हुआ है…
Kailash Ke nivasi Namo Bar Bar Hoo.कैलाश के निवासी नमों बार- बार हूँ । (शिवजी का भजन )
कैलाश के निवासी नमों बार -बार हूँ, आयो शरण तिहारी , भोले तारो-तारो तुम। कैलाश के निवासी ………………….. भक्तों को कभी तूने शिव निराश न किया, माँगा जिन्होंने जो भी बरदान दे दिया, बड़ा ही तेरा दायजा,…
जय जय गिरिवर राज किशोरी (सीता जी द्वारा पार्वती जी की स्तुति)- Jai Jai Girivar Raj Kishori
जय -जय गिरिवर राज किशोरी । जय महेश मुख चन्द चकोरी।।जय गजबदन षडाननमाता ।जगत जननी दामिनी दुति गाता।।नहिं तव आदि मध्य अवसाना । अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।भव भव विभव पराभव कारिनि। विश्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।पति देवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख।महिमा अमित न सकहिं कहि सहस् सारदा सेष।। सेवत तोहि सुलभ…
Dan Ka Mahatwa .(दान का महत्व ) ।
हर इन्सान को अपने आय का कुछ हिस्सा दान धर्म में लगाना चाहिये। हिन्दू शास्त्रो में आय का दशमा हिस्सा धर्म कार्य में लगाने का विधान है। दान देते समय मन में ये भाव होना चाहिये, कि…