जब तू ही तू है सब में बसा, फिर कौन भला और कौन बुरा …..२
हर चीज में जलवा तेरा ही,मुझे नज़र आया इन आँखों से,
एक बार जो देखा,परदा हटा,फिर कौन भला और कौन बुरा।
जब तू ही तू है सबमें बसा, फिर कौन भला और कौन बुरा।
किस चीज से अब मैं प्यार करूँ, और ठोकर से ठुकराऊँ किसे,
जब दिल से दिल का भेद मिटा, फिर कौन भला और कौन बुरा,
जब तू ही तू है सबमें बसा…………………………..
फिर सुख दु:ख में रोना हँसना क्या, और जीवन मरण विछोना क्या,
जब सबमें है प्रभू तेरी रजा, फिर कौन भला और कौन बुरा ।
जब तू ही तू है सबमें बसा, फिर कौन भला और कौन बुरा ।
Ref: ma kankeshwari devi ji