अब तक जो निभाया है, आगे भी निभा देना ,
हे नाथ मेरी नैया ,उस पार लगा देना ।………२
संभव है झंझटों में, मैं तुमको भूल जाऊँ ..२
पर नाथ कहीं तुम भी, मुझको न भुला देना,
हे नाथ मेरी नैया ,उस पार लगा देना ।
अब तक जो निभाया……………………
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तुम देव मैं पुजारी, तुम इष्ट मैं उपासक,
गर बात यही सच है, तो सच कर के दिखा देना,
हे नाथ मेरी नैया, उस पार लगा देना ।
अब तक जो निभाया है,…………….,,,.,,,,,,,
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दल-बल के साथ माया, घेरे जो मुझको आकर,
तुम देखते न रहना, झट आके बचा लेना,
हे नाथ मेरी नैया, उस पार लगा देना।
अब तक जो निभाया है, आगे भी निभा देना,
हे नाथ मेरी नैया, उस पार लगा देना ।
हे नाथ मेरी नैया ,उस पार लगा देना।