श्री कृष्ण तुम्हारे चरणों में, मैं अरज सुनाने आई हूँ। वाणी में तनिक मिठास नहीं, पर तुम्हें रिझाने आई हूँ ।श्री कृष्ण प्रभु का चरणामृत पाने को , मेरे पास कोई है पात्र नहीं । आँखों के दोनों प्यालों में , कुछ भीख माँगने आई हूँ ।।श्री कृष्ण तुमसे पाकर तुमको ही क्या भेंट…
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Sharan Me Aa Para Tere , Prabhu Mujhko Na Thukarana (शरण में आ पड़ा तेरे,प्रभु मुझको न ठुकराना)। (Krishna Bhajan)
शरण में आ पड़ा तेरे, प्रभु मुझको न ठुकराना । पकड़ लो हाथ अब मेरा, नाथ देरी लगाना ना । तेरा है नाम दुनियाँ में , पतितपावन सभी जानें, पतितपावन सभी जानें –२ देखकर एक नजर प्रभुजी , नजर मुझसे हटाना ना। शरण में आ पड़ा तेरे, प्रभु मुझको न ठुकराना । काल की है…
Mai Aarti Teri Gaoon (मैं आरती तेरी गाऊँ ) । [Krishna Aarti ]
Mai Aarti Teri Gaoon मैं आरती तेरी गाऊँ , ओ केशव कुंजबिहारी । मैं नित-नित शीश नवाऊँ , ओ मोहन कृष्ण मुरारी।। है तेरी छवि अनोखी , ऐसी न दूजी देखी । तुझसा न सुंदर कोई , ओ मोर मुकुट धारी।। मैं आरती………………… । जो आए शरण तिहारी , मिट जाए विपदा…
Om Jai Shri Krishna Hare.( आरती श्री कृष्ण जी की ।)
ऊँ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे , भक्तन के दु:ख सारे पल में दूर करे ।ऊँ जय । परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी , जय रस रास विहारी , जय जय गिरधारी ।ऊँ जय। बरू किंकिन कटि सोहत कानन में बाला , मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला ।ऊँ जय…
Shri Krishna Chalisa.(श्री कृष्ण चालीसा )
मस्तक ।। दोहा ।। वंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम । अरुन अधर जनु बिम्ब फल, नयन कमल अभिराम।। पूर्ण इन्दु अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन मदन छवि, कृष्ण चन्द्र महाराज ।। ।।चौपाई ।। जय यदुनंदन जय जगवन्दन ।…
Shri Krishna Bhakt Arjun Ki Katha .(श्री कृष्ण भक्त अर्जुन की कथा ।)
ये कथा द्वापरयुग की है , जब भगवान श्री कृष्ण धरती पर अवतार लेकर लीला कर रहे थे , और उस समय द्वारिका के राजा थे।भगवान भोलेनाथ श्री कृष्ण लीला का दर्शन करते हुए ,एक दिन कैलाश पर ध्यान मग्न बैठे थे ।मन ही मन भक्तों की महानता के विषय में सोंच रहे थे। कृष्णभक्त…
Shri Krishna Bhagwan Ke 108 Nam (श्री कृष्ण भगवान के १०८ नाम) ।
ऊँ कन्हैया कृष्ण केशव चक्रधारी नन्दलाल माधव श्यामसुन्दर मुरारी कमलनाथ त्रिभंगी नंदगोपप्रियात्मज गोविन्द द्वारिकानायक नारायण माखन चोर नटनागर मोरमुकुटधारी गीताचार्य नन्दनंदन अविनाशी नरोत्तम नन्द गोप प्रियात्मज गोपेश्वर रणछोड़ गदाधर गोपाल दामोदर ब्रजनाथ दीनबंधु जगदीश दीनानाथ रसिक बिहारी जगतपिता यशोदालाल बाँकेबिहारी मदन मोहन कृपानिधि सर्वरक्षक सर्वशक्तिमान सर्वब्यापक मन हरन बाँकेबिहारी गोपीनाथ ब्रजवल्लभ गोवर्धनधारी घनश्याम परमानन्द जनार्दन…
Shree Krishna Bhakta RasKhan Ji Ki Katha (श्री कृष्ण भक्त रसखान जी की कथा ।)
आने श्रीकृष्ण के भक्त रसखान एक मुसलमान व्यक्ति थे । एक बार वो अपने उस्ताद के साथ मक्का मदीना, हज पर जा रहे थे। उनके उस्ताद ने कहा – देखो हिन्दुओं का तीर्थ स्थल वृन्दावन आने बाला है, वहाँ एक काला नाग रहता है। मैंने सुना है , नाग वृंदावन आने बाले यात्रियों को डस…
Shri Krishna Stuti . (श्री कृष्ण स्तुति )।
हे कृष्ण करूणासिंधो दीनबंधो जगत्पते। । गोपेश गोपिकाकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते ।। ( हे कृष्ण ! आप दुखियों के सखा तथा सृष्टि के उदगम हैं। आप गोपियों के स्वामी तथा राधारानी के प्रेमी हैं। मैं आपको सादर प्रणाम करता हूँ ।) तप्तकांचन गौरांगि राधे वृन्दावनेश्वरी…
Shri Krishna dwara Radha Rani ki Prem Pariksha
Ek baar Shri Krishna ko RadhaRani ki pariksha lene ki ichha hui. To unhone apna bhes badal ek gwalin ka roop banaya aur Barsane, jahan Radharani rehti thi, chale gaye. Jab Radharani ne us gwaalin ko dekha, to vah atyant prasann ho uthin. Unke man ke harsh ka karan yeh tha ki us gwalin me…