ताहि देइ गति राम उदारा । शबरी कें आश्रम पगु धारा ।। शबरी देखि राम गृहँ आए । मुनि के बचन समुझि जियँ भाए ।। सरसिज लोचन बाहु बिसाला । जटा मुकुट सिर उर बनमाला ।। स्याम ग़ौर सुंदर दोउ भाई । शबरी परी चरन लपटाई ।। प्रेम मगन मुख बचन न आवा । पुनि…
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श्री राम चंद्र कृपालु भजमन – Shri Ram Chandra Kripalu Bhaj man
श्री राम स्तुति … श्री राम चन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारूणम् । नव कंजलोचन कंज मुख, कर कंज, पद कंजारूणम् ।। … कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरम् । पटपीत मानहुं तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरम् ।। … भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकन्दनम् । रघुनन्द आनन्दकन्द कौशलचन्द दशरथ…
Shri Ram Chalisa .(श्री राम चालीसा )।
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।। निशि दिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई ।। ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ।। जय जय जय रघुनाथ कृपाला । सदा करो सन्तन प्रतिपाला । दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ।। तव भुजदण्ड प्रचंड…
जय राम रमा रमनं समनं भवताप भयाकुल पाहि जनं । (राम चरितमानस )
जय राम रमा रमनं समनं । भवताप भयाकुल पाहि जनं ।। अवधेस सुरेस रमेस विभो। सरनागत मागत पाहि प्रभो ।। दससीस बिनासन बीस भुजा ।कृत दूरि महा महि भूरि रूजा।। रजनीचर बृंद पतंग रहे ।सर पावक तेज़ प्रचंड…
जय जय सुरनायक- विष्णु भजन- Jai Jai Surnayak
Source : तुलसीदास रचित रामचरित मानस ( गोरखपुर प्रेस) § ब्रह्मा जी और अन्य देव विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं § जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ … जय…
प्रभुजी करो मुझे भव पार-राम भजन
प्रभुजी करो मुझे भव पार तुम जैसा नहीं उदार प्रभुजी करो मुझे भव पार। मुनि के संग ताड़का मारी गौतम नारी अहिल्या तारी हरि हरो कलेश हमार प्रभुजी करो मुझे भव पार। मिथिला सभा में शिव धनुष तोड़ा लक्ष्मी पति ने चाप चढ़ाया हरि भक्तन हर्ष अपार प्रभुजी करो मुझे भव पार। सीता के…
Maine paya Hai Pawan Khajana (Shri Ram Bhajan)
प्रभुजी मैंने पाया है पावन खज़ाना जगत में न कोई है हरि के समाना प्रभुजी मैंने पाया है पावन खज़ाना। मेरे भाग्य कितना है जाने आज भारी जो आये हैं दीनन के दुःख दर्द हारी करा पार जाने का मुझसे बहाना प्रभुजी मैंने पाया है पावन खज़ाना। बहुत काल कीनी थी मैंने मजूरी मिली आज…
Amritvani – Prabhu Shree Ram ke liye Vandana
Karti hun mai vandana nat sir baarambaaar tumhe dev-parmaatman mangal Shiv shubh kaar anjali par mastak kiye vinay bhakti ke saath namaskaar mera tumhe hove jag ke naath dono kar ko jod ke mastak ghutne tek tumko ho pranaam mam shat-shat koti anek paap-haran mangal-karan charan sharan ka dhyaan nitya karun pranaam mai mere shakti…
Bhakt ki Pukaar
Bigdi janam anek ki Abahin sudhaarun aaj Hohin Ram ka naam japun Tulsi taj ku-samaj Ajab hairaan hun bhagwan Tujhe kaise manaun main Nahin aisi koi vastu Jise sewa me laun mai Karun kis taur (tarah) aawahan Ki tum maujood ho har shay (jagah) Vayakul hun bulaane ko Agar ghanti bajaun mai…
Bharatji ka Ramji ke Prati Prem va Samarpan
Bharat ji yadyapi Ramji ke chhote bhai the, kintu Ramji ko hamesha apna aaradhya maante the. Ramji ke prati unka ananya prem tha, Swabhaav se sankochi hone ke kaaran unka ye prem hriday ki gehraiyon me chhipa rehta tha. Lakshman ji praayah shri Ramji ke prati prem tatha bhakti prakat kar dete the kintu Bharat…