प्रभुजी करो मुझे भव पार
तुम जैसा नहीं उदार
प्रभुजी करो मुझे भव पार।
मुनि के संग ताड़का मारी
गौतम नारी अहिल्या तारी
हरि हरो कलेश हमार
प्रभुजी करो मुझे भव पार।
मिथिला सभा में शिव धनुष तोड़ा
लक्ष्मी पति ने चाप चढ़ाया
हरि भक्तन हर्ष अपार
प्रभुजी करो मुझे भव पार।
सीता के संग ब्याह रचायो
दशरथ – जनक के भेद मिटायो
बह चली प्रेम की धार
प्रभुजी करो मुझे भव पार।
भला बुरा मैं प्रभूजी थारो
करो न निज चरणन से न्यारो
अपने दास को आप उबारो
प्रभुजी करो मुझे भव पार।
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Jai Jai Siyaram Ji..
Jai Ho Mere Bala Ji…. 🙂