गोविन्द हरे गोपाल हरे, जय जय प्रभु दीन दयाल हरे ….२ मेंरे मन मंदिर में आ जाओ , मेरी जीवन ज्योत जगा जाओ तुमसे नहीं…
Itna To Karna Swami, Jab Pran Tan Se Nikle.(इतना तो करना स्वामी , जब प्राण तन से निकले)।
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले। गोविन्द नाम लेकर, राधे का नाम लेकर, जब प्राण तन से निकले, हर हर कंठ बोले। जब प्राण तन से निकले,इतना तो करना स्वामी, …
Pandavon Ke Prati ShriKrishan Ka Sneh (पांडवों के प्रति श्रीकृष्ण का स्नेह) ।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में , दुर्योधन अपनी सेना को कमज़ोर पड़ता देख ,भीष्म पितामह के पास गया और पितामह को पांडवों पर पक्षपात का आरोप लगाया ।दुर्योधन ने पितामह से काफ़ी कड़े शब्दों में कहा कि आप पांडवों को मारना नहीं चाहते हैं क्योंकि वे…
Shri Durga Chalisa
Namo Namo Durge Sukhkarni , Namo Namo Ambe Dukhharni. Nirankar hai Jyoti tumhari, Tihun Lok Faili ujiari . Shashi lalaat mukh maha vishala ,Netra Lal bhrikuti vikarala Roop Mat ko Adhik suhave , Daras karat jan ati sukh pave . Tum Sansar Shakti lau kina, Palan hetu Ann dhan dina . Annapurna hui jag pala…
Prabhu Jee Mero Avgun Chit Na Dharo.(प्रभु जी मेंरो अवगुण चित न धरो ( राम जी का भजन । )
प्रभु जी मेंरो अवगुण चित न धरो ….२ समदर्शी है नाम तुम्हारो , नाम की लाज धरो। प्रभु जी मेंरो अवगुण चित न धरो ………….. एक नदियाँ एक नार, कहावत, मैंलो नीर भरो । दोनों मिल जब एक वरण भइ…
Shri Krishna Stuti . (श्री कृष्ण स्तुति )।
हे कृष्ण करूणासिंधो दीनबंधो जगत्पते। । गोपेश गोपिकाकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते ।। ( हे कृष्ण ! आप दुखियों के सखा तथा सृष्टि के उदगम हैं। आप गोपियों के स्वामी तथा राधारानी के प्रेमी हैं। मैं आपको सादर प्रणाम करता हूँ ।) तप्तकांचन गौरांगि राधे वृन्दावनेश्वरी…
सजन सुधि ज्यों जाने त्यों लीजै (मीरा जी के पद)
सजन सुधि ज्यों जाने त्यों लीजै। तुम बिन मेंरे और न कोई , कृपा रावरी कीजै ।। धौंस न भूष रैन नहिं निद्रा , यह तन पल – पल छीजै । मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ,अब मिलि बिछुरनि नहिं कीजै।। …
Rai Shri Ranchhor Deejo Dwarika Ko Bas-(राय श्री रनछोड़ दीजो द्वारिका को बास) (मीरा जी के पद )
राय श्री रनछोड़ दीजो द्वारिका को बास । …
Hari Hari Ho Jan Ki Peer- (हरि हरिहो जन की भीर ) (मीरा बाइ जी के पद )।
हरि हरिहो जन की भीर । द्रौपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर ।। भक्त कारन रूप नरसिंह धरयो आप सरीर । हरिनकस्यप मारि लीनौं धरयो नाहिन धीर ।।…
Meera Hari Ki Larli, Bhagat Mili Bharpoor- (मीरा हरि की लाड्ली ) (मीरा बाइ जी के पद )।
मीरा हरि की लाड़ली, भगत मिली भरपूर । सांधा सूँ सनमुष रही, पापी सूं अति दूर ।। राना विष ताकौं दियो, पियो लै हरि नाम। रातों कीनो भगत मुष, राखो नहिं भव काम ।। …