Premanand ji Maharaj – Maya ka Prashna
maya ke prashna kathin hain parantu is samasya ka hal bhi hai
Premanand ji Maharaj – Pralobhan aur Bhaya Dharm se Bhrasta kar deta hai
प्रलोभन और भय मुख्य कारण हैं धर्म से भ्रष्ट होने के उपासक यदि प्रलोभन और भय में नहीं फसे तो साधना में आगे बढ़ जाता है | प्रलोभन 3 प्रकार के होते हैं- पहली घाटी काम की है, यह कामिनी है. दूसरी बाधा कंचन है. तीसरी है कीर्ति व यश| कोई बिरला ही इन्हें पार…
राधे कृष्ण
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं
ॐ तुभ्यं नमामि नारायणाय
ॐ तुभ्यं नमामि नारायणाय तुभ्यं नमामि जगदीश्वराय । हे लक्ष्मीकांतम तुभ्यं नमामि हे शांताकारम तुभ्यं नमामि ।।
नवधा भक्ति के स्वरुप
नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु मन माहीं॥प्रथम भगति संतन्ह कर संगा। दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥ गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान॥ मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा। पंचम भजन सो बेद प्रकासा॥छठ दम सील बिरति बहु करमा। निरत निरंतर सज्जन धरमा॥ सातवँ सम…
जय जय सुरनायक – Jai Jai Surnayak (Vishnu Bhajan)
Source : तुलसीदास रचित रामचरित मानस ( गोरखपुर प्रेस) § ब्रह्मा जी और अन्य देव विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं § जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ … जय…
जब जब होता नाश धरम का और पाप बढ़ जाता है (correct lyrics)
जब जब होता नाश धरम का और पाप बढ़ जाता है तब लेते अवतार प्रभु यह विश्व शान्ति पाता है ।। जब कंस के अत्याचारों से यह भूमंडल बेहाल हुआ, और विप्र संत त्यागी बैरागी का पापी महाकाल हुआ ।। जब पृथ्वी के हर आँसू पर टुकड़े टुकड़े पाताल हुआ, तब गर्भ से सती देवकी…
Sharnaagat paal kripaal prabhu…(ram bhajan)
!! Pranat Paal Raghu Nayak, Karuna Sindhu Kharaari Gaye Sharan Prabhu Rakhiye, Tav Apraadh Bisaari !! sharnaagat paal kripaal prabhu humko ek aas tumhari hai tumhre sam dusar aur nahi nahi deenan ke hitkaari hai sudhi let sadaa sab jeevan ki ati hi karuna vistaari hai jab naath daya kari dekhat hain chhuti jaat vyathaa…
जब जानकीनाथ सहाय करें – राम भजन – Jab jankinath sayah karein
(तुलसीदासजी रचित भजन श्री रामजी की दयालुता का वर्णन करते हुए) Ram Bhajan जब जानकीनाथ सहाय करें, तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो । सूरज मंगल बुद्ध भृगुसुत, बुद्ध और गुरू सहायक तेरो । राहु केतु जहाँ गम्य नाही , संग शनीचर होत उचेरो । जब जानकीनाथ सहाय करें , तब कौन बिगाड़ करे नर…