गोविन्द हरे गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे ….२
मेंरे मन मंदिर में आ जाओ ,
मेरी जीवन ज्योत जगा जाओ
तुमसे नहीं कोई देव परे ।
गोविन्द हरे गोपाल हरे……..२
तुम दीन बंधु हितकारी हो,
अघहारी अरू असुरारी हो ,
मधुरी मुरली तुम अधर धरे ।
गोविन्द हरे गोपाल हरे ……….२
तुम संत जनों के प्यारे हो,
तुम ही जग के उजियारे हो ,
थारी सेवा से सब संत तरे।
गोविन्द हरे गोपाल हरे ………२
तुम सच्चे पिता और माता हो,
सब रिद्धी सिद्धी के दाता हो ,
तुमको सुमिरत सब दु:ख टरे।
गोविन्द हरे गोपाल हरे
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे ।