मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ ।
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तेरा सहारा लेकर भगवन भवसागर तर जाऊँ ।।
विपदा के मारों का तू है , जनम – जनम का साथी ,
तेरे ही नाम से रौशन दुनिया की अँधियारी वाती ।
मन मन्दिर में निशदिन भगवन प्रेम की जोत जलाऊँ ।
मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ ।
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कहते हैं कण – कण में प्रभुजी तेरा रूप समाया ,
फिर भी मैं भगवन देख न पाऊँ , क्या ये तेरी माया ।
मुझको दान करो वह अँखियाँ , जिनसे मैं दर्शन पाऊँ
मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ ।
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