देना हो तो दीजिये , जनम -जनम का साथ ।
अब तो कृपा कर दीजिये , जनम-जनम का साथ।
मेरे सिर पर रख दे गिरधारी,अपने ये दोनो हाथ ।देना हो —
देने वाले श्याम प्रभु से ,धन और दौलत क्या माँगे ।
श्याम प्रभु से माँगे भी तो, नाम और इज्जत क्या माँगे।
मेरे जीवन में अब कर दे ,तू कृपा की बरसात ।देना हो —
श्याम तेरे चरणों की धूलि , धन दौलत से मँहगी है ।
एक नजर कृपा की कान्हा , नाम इज्जत से मँहगी है।
मेरे दिल की तमन्ना यही है, करूँ सेवा तेरी दिन रात ।देना हो —
झुलस रहे हैं गम की धूप में, प्यार की छाया कर दे तू ।
बिन माँझी की नाव चले न , अब पतवार पकड़ ले तू ।
मेरा रस्ता रौशन कर दे , छाई अँधियारी रात । देना हो तो—
सुना है हमने शरणागत को , अपने गले लगाते हो ।
अरे ऐसा हमने क्या माँगा , जो देने से घबराते हो ।
चाहे जैसे रख बनवारी, बस होती रहे मुलाकात ।
देना हो तो दीजिये , जनम-जनम का साथ ।
अब तो कृपा कर दीजिये , जनम-जनम का साथ।
Reference: Ramesh bhai ojha ji