भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे , हो रही जय-जयकार मंदिर बिच आरती जय माँ, हे दरबारावाली आरती जय माँ । काहे की मैया तेरी आरती बनावाँ ,काहे दीपावाँ बीच बाती मंदिर बिच आरती जय माँ , सुहे चोलियाँवाली आरती जय माँ। सर्व सोने दी तेरी आरती बनावाँ , अगर कपूर पावाँ बाती मंदिर…