एक जयमल नाम के प्रभु चरणों के अनुरागी भक्त थे।वे अपने घर के ऊपर के कमरे में प्रभु की चरण सेवा किया करते थे।प्रभु उनकी अटूट प्रेम भक्ति से प्रसन्न होकर रात्रि के समय रोज दर्शन देने लगे।भक्त जयमल भी बड़े प्रेम से प्रभु की चरण सेवा करने लगे और अपनी पत्नी के पास जाना भूल गये।पत्नी सोंच में पड़ गई कि उनके पति आजकल कहाँ जाने लग गये हैं? दूसरे दिन उनकी पत्नी ने सोंचा आज मैं देखती हूँ ये कहाँ जाते हैं और यही सोंचकर उसने अपने पति का रात में पीछा किया तो देखती है पतिदेव साक्षात प्रभु की सेवा करने में मग्न हैं। प्रभु के दर्शन पाकर वो स्वयं भी मंत्रमुग्ध हो गई और प्रभु के चरणों में गिर गई। प्रभु दोनों को भक्ति का आशीर्वाद देकर अन्तर्धान हो गये।