मान मेरा कहना नहीं तो पछतायेगा ।
माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।।
…
सुन्दर रूप देख क्यों भूला ,धन यौवन के मद में फूला ।
एक दिन हंसा अकेला उड़ जाएगा ।।
माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।।
…
पत्नी सुपति पिता अरू माता , सखा सुमित्र सहोदर भ्राता ।
पल भर में नाता सभी से छूट जाएगा ।।
माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।।
…
हीरा जवाहर की माला तुम्हारी , मखमल के गद्दे और रेशम की साड़ी ।
धन दौलत और इज्जत तुम्हारी सब यहीं धरा रह जएगा ।।
माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।।
…
हीरा जन्म गवाँय दियो सोए सोए , पछताओगे रे मन आँसु बहाय के ।
भाई फिर ऐसा समय न दुबारा आएगा ।।
माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।।
§