बड़े प्रेम से खाई प्रभु ने,करमा बाई की खिचड़ी। कौन समझ सकता ,प्रभु की लीला आश्चर्य भरी, बड़े प्रेम से खाई प्रभु ने , करमा बाई की खिचड़ी । अति पग ,इक तन, तिलक छाप युत, बड़े बड़े आचारी, उत्तम कुल में जन्म कहावे, पंडित और पुजारी । छप्पन भोग ,छतीसो ब्यंजन, भरी स्वर्ण की…