भेद नहीं करता मेरा कान्हा, है परखता भाव ही । जिस हाथ से माखन खाया, उस हाथ से ही तूने माटी भी , जिस स्वाद से छप्पन भोग लिये, उसी स्वाद से साग और रोटी भी , जिस मौज से खेले ग्वाले संग , उसी मौज से मारे असुर को भी , भेद नहीं करता…
Yashoda Tori Bhagya Ki Kahi Na Jaye.(यशोदा तोरी भाग्य की कही न जाए )
अहा भाग्य की कहि न जाई । यशोदा तोरी भाग्य की कहि न जाई। जो मूरत ब्रह्मादिक , मुनि दुर्लभ , सो प्रगटे हैं आई ,भाग्य की कहि न जाई । यशोदा तोरी भाग्य की कहि न जाई । शिव नारद सनकादि महामुनि , मिलवे करत उपाई । ते नंदलाल धूलि धुसरित हैं यशोदा कण्ठ…
Karwa chauth Vrat Katha.
कार्तिक मास में कृष्णपक्ष के चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है।इस दिन गणेश जी का पूजन होता है ।इस दिन सुहागन स्त्रीयाँ अपने पति की लम्बी आयु के लिये व्रत रखती है।प्राचीन काल में द्विज नामक ब्राह्मण के सात पुत्र और एक पुत्री थी जिसका नाम वीरावती था।वीरावती विवाह के बाद प्रथम बार करवा…
BhaiDooj Ki Katha ( yam Dwitia ) .
भगवान् सूर्यनारायण की पत्नी का नाम छाया था। उन्हीं की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था ।यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह भाई से हमेशा निवेदन करती थी कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करे। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ल…
अथ सप्त श्लोकी मां दुर्गा के सिद्ध मंत्र Ath Sapt Shloki Ma Durga Ke Siddh Mantra.
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् । रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जाहि ।।१ ।। (आरोग्य और सौभाग्यकी प्राप्ति के लिए ) दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: ( दारिद्रयदु:खादिनाश के लिए ) स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि । दारिद्रयदु:खभयहारिणी का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ।।२ ।। सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।…
दुर्गा माँ की स्तुति – देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम् Durga Maa Ki Stuti , Devyaparadhkshmapan Stotram
न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो: न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथा । न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ।।१ ।। हे मात: ! मैं तुम्हारा मन्त्र , यन्त्र , स्तुति , आवाहन , ध्यान स्तुतिकथा , मुद्रा तथा विलाप कुछ भी…
Aarti Shri Ambe Jee Ki ( आरती श्री अम्बे जी की )
जय अम्बे गौरी , मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी ।। १।।जय अंबे माँग सिन्दूर विराजत , टीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैना , चन्द्रवदन नीको ।।२ ।।जय अंबे कनक समान कलेवर , रक्ताम्बर राजे । रक्तपुष्प गल माला , कण्ठन पर साजे ।।३ ।।जय अंबे केहरि वाहन…
दुर्गा माँ से क्षमा प्रार्थना Durga Maa Se Kshama Prarthana
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…
श्री दुर्गा कवचम् (हिन्दी अनुवाद के साथ )- Durga Kavach (hindi translation)
।।ओम् नमश्चण्डिकायै ।। मार्कण्डेय उवाच: ओम् यद् गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह ! ।।१ ।।। मार्कण्डेय जी ने कहा है —हे पितामह! जो साधन संसार में अत्यन्त गोपनीय है, जिनसे मनुष्य मात्र की रक्षा होती है, वह साधन मुझे बताइए । ब्रह्मोवाच:…
माँ से क्षमा प्रार्थना ।
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…