जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु न: शिव: शिवम् ।।१ ।। ( जिन्होंने जटारूप अटवी ( वन ) से निकलती हुई गंगाजी के गिरते हुये प्रवाहों से पवित्र किये गये गले में शर्पों की लटकती हुई विशाल माला को धारणकर , डमरू के डम- डम शब्दों से…
Tag: shiva
वेदसारशिवस्तोत्रम्
पशुनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम् । जटाजूटमध्ये स्फुरदगांगवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरामि ।। पशुओं ( समस्त प्राणिमात्र ) के पति ( रक्षक ) , त्रिविध-ताप -पाप को नष्ट करनेवाले, परमेश्वर स्वरूप एवं कजचर्म धारक…
श्री शिव चालीसा-Shri Shiv Chalisa
दोहा—— जै गणेश गिरिजा सुवन , मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम , देउ अभय वरदान ।। …
ॐ नम: शिवाय (भजन) – Om Namah Shivaya
ओम् नम: शिवाय ओम् नम: शिवाय, साँसों की सरगम पे धड़कन ये दोहराय ओम् नम: शिवाय, ओम् नम:शिवाय जीवन में कैसा अँधेरा हुआ है, संदेह ने मुझको घेरा हुआ है २ मन पंछी आज बहुत ही घबराय ओम् नम: शिवाय। ओम् नम:शिवाय …