जय अम्बे गौरी , मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी ।। १।।जय अंबे माँग सिन्दूर विराजत , टीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैना , चन्द्रवदन नीको ।।२ ।।जय अंबे कनक समान कलेवर , रक्ताम्बर राजे । रक्तपुष्प गल माला , कण्ठन पर साजे ।।३ ।।जय अंबे केहरि वाहन…
Durga Maa Se Kshama Prarthana दुर्गा माँ से क्षमा प्रार्थना
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…
श्री दुर्गा कवचम् (हिन्दी अनुवाद के साथ )- Durga Kavach (hindi translation)
।।ओम् नमश्चण्डिकायै ।। मार्कण्डेय उवाच: ओम् यद् गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह ! ।।१ ।।। मार्कण्डेय जी ने कहा है —हे पितामह! जो साधन संसार में अत्यन्त गोपनीय है, जिनसे मनुष्य मात्र की रक्षा होती है, वह साधन मुझे बताइए । ब्रह्मोवाच:…
माँ से क्षमा प्रार्थना ।
आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं । करोमि दुर्गे करूणार्णवेशि । नैतच्छठत्वं मम भावयेथा: । क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ।। हे दुर्गे! हे दयासागर महेश्वरी ! जब मैं किसी विपत्ति में पड़ता हूँ , तो तुम्हारा ही स्मरण करता हूँ । इसे तुम मेरी धृष्टता मत समझना , क्योंकि भूखे – प्यासे बालक अपनी माँ…
श्री दुर्गा कवचम् (हिन्दी अनुवाद के साथ ) ।
।।ओम् नमश्चण्डिकायै ।। मार्कण्डेय उवाच: ओम् यद् गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम् । यन्न कस्यचिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह ! ।।१ ।।। मार्कण्डेय जी ने कहा है —हे पितामह! जो साधन संसार में अत्यन्त गोपनीय है, जिनसे मनुष्य मात्र की रक्षा होती है, वह साधन मुझे बताइए । …
Shri Ram Katha (Short version )
मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी ।। नीलाम्बुजश्यामलकोमलाड़्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।। रामायण प्रभु श्रीराम की कथा है, जिन्हें श्रवण करने से या पाठ करने से पाप ताप संताप (त्रयताप ) का नाश होता है।रामायण को राम रूप भी कहा गया है।रामायण में सात…
Shri Radhe Krishna Bhakt Ki Katha- श्री राधे कृष्ण भक्त की कथा
श्री राधा कृष्ण के भक्त, श्री सनातन गोस्वामी तथा श्री रूप गोस्वामी बृदावन में रहते हुए प्रभु की भक्ति करते थे।दोनो सन्त प्रभु की भक्ति में कुछ भी रचना करते तो , एक दूसरे को सुनाया करते थे।कभी भजन, कभी कविता या राधे कृष्ण की कथा करते और दोनों ही भक्ति में भाव विभोर हो…
Karma Bai Kee Khichari (Krishana Bhajan )
बड़े प्रेम से खाई प्रभु ने,करमा बाई की खिचड़ी। कौन समझ सकता ,प्रभु की लीला आश्चर्य भरी, बड़े प्रेम से खाई प्रभु ने , करमा बाई की खिचड़ी । अति पग ,इक तन, तिलक छाप युत, बड़े बड़े आचारी, उत्तम कुल में जन्म कहावे, पंडित और पुजारी । छप्पन भोग ,छतीसो ब्यंजन, भरी स्वर्ण की…
Saraswati vandana (सरस्वती वंदना)
या कुन्देन्दु तुषार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता । या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिमिर्देवै: सदा वंदिता । सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ।। ज्ञान दो,ज्ञानदो, हमें ज्ञान दो, ज्ञान दो। हे ब्रह्मा की सरस्वती,विष्णु की वैष्नवी,शक्ति, शिव शंभु की, हे शारदे भगवती, श्री चरणों की छाँव में स्थान दो । ज्ञान दो, ज्ञान दो…
Shri Krishna Tumhare Charano Me,Ek Araj Sunane Aayee Hoo
श्री कृष्ण तुम्हारे चरणों में, मैं अरज सुनाने आई हूँ। वाणी में तनिक मिठास नहीं, पर तुम्हें रिझाने आई हूँ ।श्री कृष्ण प्रभु का चरणामृत पाने को , मेरे पास कोई है पात्र नहीं । आँखों के दोनों प्यालों में , कुछ भीख माँगने आई हूँ ।।श्री कृष्ण तुमसे पाकर तुमको ही क्या भेंट…