बिन तेरे सुना जग कान्हा ,नैना जल बरसाये ।
जाने कौन घड़ी गये तुम कान्हा , लौट कर कभी न आये ।।
पूछूँ मैं फूलो से भँवरों से कलियों और लताओं से ।
चले गये कहाँ तुम प्रियतम मुझको बिन बतलाये ।।
जाने कौन घड़ी गये तुम कान्हा ,लौटकर कभी न आये ।
काले बादल घिर घिर आये कान्हा तेरी याद दिलाये ।
मन बेसुध हुआ जाये , तेरे बिन अब तो रहा न जाये ।।
जाने कौन घड़ी गये तुम कान्हा लौट कर कभी न आये ।।