Jai shiv Omkara, swami har shiv Omkara, Brahma Vishnu sada shiv ardhangi dhaara, Jai shiv Omkara…. Ekanan chaturanan panchanan Raje, Hansanan garurasan vrishvahan saje, Om Jai shiv Omkara… Akshmala Banmala mundmala Dhari, Tripurari kansari karmala dhari, Om Jai shiv Omkara… Swetambar pitambar Baghambar ange, Sankadik garuradik bhootadik sange, Om Jai shiv Omkara… Do Bhuj char…
जय जय सुरनायक- विष्णु भजन- Jai Jai Surnayak
Source : तुलसीदास रचित रामचरित मानस ( गोरखपुर प्रेस) § ब्रह्मा जी और अन्य देव विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं § जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ … जय…
Tere Dar Ko Chhorkar Kis Dar Jaoo Mai.तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं।
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं, देख लिया मैंने जग सारा, तेरे जैसा मीत नहीं, तेरे जैसा सबल सहारा, तेरे जैसी प्रीत नहीं । किन शब्दों में आपकी, महिमा गाऊँ मैं । तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊँ मैं …. अपनें पथ पर आप चलूँ मैं, मुझमें इतना ज्ञान नहीं,…
Santo Ki Vani Pad(पद – संतो की वाणी)
1. जब तक रहेगी ज़िन्दगी ,फ़ुरसत न होगी काम से। कुछ समय ऐसा निकालो ,प्रेम हो भगवान से। 2. साई इतना दीजिये ,जा में कुटुंब समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ ,साधु न भूखा जाय। 3. जो आता है सबके काम, उसका जीना सफल तमाम। 4. राम नाम लड्डू…
Pitu Mat Sahayak Swami Sakha(पितु मात सहायक स्वामी सखा)।
पितु मात सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कछु और अाधार नहीं , तिनके तुम ही रखवाले हो। सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुख दुर्गुण नाशन हारे हो। प्रति पालक हो सगरे जग को, अतिशय करूणा उर धारे हो । पितु मात सहायक स्वामी सखा… शुभ शांति निकेतन प्रेमन के, मन…
Maili Chadar Odh Ke Kaise Dwar Tumhare Aau-मैंली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ )।
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ , हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शर्माऊँ मैली चादरओढ् के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ तुमने इस संसार में भेजा देकर निर्मल काया मैंने इसको आकर प्रभु जी ऐसा दाग लगाया जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊँ मैली चादऱ … सुन्दर मन और वाणी…
Shri Krishna dwara Radha Rani ki Prem Pariksha
Ek baar Shri Krishna ko RadhaRani ki pariksha lene ki ichha hui. To unhone apna bhes badal ek gwalin ka roop banaya aur Barsane, jahan Radharani rehti thi, chale gaye. Jab Radharani ne us gwaalin ko dekha, to vah atyant prasann ho uthin. Unke man ke harsh ka karan yeh tha ki us gwalin me…
Mero Man Anat Kahan Sukh Pave (Surdasji ke Pad-2) मेंरो मन अनत कहाँ सुख पावे।
मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै जैसे उड़े जहाज को पंछी फिरी जहाज पर आवै कमल नयन को छाड़ि महातम और देव को ध्यावै परम गंग को छाड़ि पियासौ दुरमति कूप खनावै जिहिं मधुकर अंबुज रस चाख्यौ क्यों करील फल खावै सूरदास प्रभू कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै Bansuri Bajaye…
Kamal Nayan Hari Karo Kaleva (Soordas Ji ke Pad -१ )।
कमल नयन हरि करो कलेवा माखन रोटी सद्य जाम्यो दधि भाँति भाँति के मेवा खारिक दाख चिरौंजी किशमिश उज्जवल गरी बादाम सझरी सेव छुहारे पिस्ता जे तरबूजा नाम अरु मेवा बहु भाँति भाँति है षटरस के मिस्ठान सूरदास प्रभु करत कलेवा रीझे श्याम सुजान। Jevat Kanha NAND Ek Thaure (जेवत कान्हा नन्द इकठौरे) ।Surdas Jee…
प्रभुजी करो मुझे भव पार-राम भजन
प्रभुजी करो मुझे भव पार तुम जैसा नहीं उदार प्रभुजी करो मुझे भव पार। मुनि के संग ताड़का मारी गौतम नारी अहिल्या तारी हरि हरो कलेश हमार प्रभुजी करो मुझे भव पार। मिथिला सभा में शिव धनुष तोड़ा लक्ष्मी पति ने चाप चढ़ाया हरि भक्तन हर्ष अपार प्रभुजी करो मुझे भव पार। सीता के…