आनंद कंद है सबके स्वामी इस जगत के रचैयता और पलनहार । यह वेब्सायट उनकी आनंद कंद प्रभु श्री कृष्णा को समर्पित है ।
Sanatan Dharm
Click the resource you are looking for



Strategy
- माँ दुर्गा का चतुर्थ रूप माता कुष्मांडामाता कूष्मांडा का वाहन सिंह है। इनके आठ हाथ होते हैं, जिनमें कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र और गदा शामिल हैं। इनका यह स्वरूप शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है।
- माँ दुर्गा का तृतीय रूप माता चन्द्रघण्टामाता चंद्रघंटा का नाम उनके मस्तक पर घंटे के आकार के अर्धचंद्र के कारण पड़ा। यह देवी शक्ति और शांति का प्रतीक मानी जाती हैं। माता चंद्रघंटा को पापों का नाशक और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।
- जय भगवती भवानी नमो वरदे – माँ भगवती स्त्रोत्रजय भगवती भवानी नमो वरदे, जय पाप विनाशिनी बहु फल दे। जय शुम्भ निशुम्भ कपाल धरे, प्रणमामि तु देवी नरार्ति हरे। जय चन्द्र दिवाकर नेत्र धरे, जय पावक भूषित वक्त्र वरे।
- माँ दुर्गा का द्वितीय रूप माँ ब्रह्मचारिणीनवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी का अर्थब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। माता ब्रह्मचारिणी को तपश्चारिणी भी कहा जाता है
- नवरात्रि की महिमा – नवदुर्गा के स्वरुपजानिये नवरात्रि की महिमा क्या है और नवदुर्गा के स्वरुप और उनकी शक्तियां कौन सी हैं
Focus
कृष्ण