तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम, मेंरे अलबेले राम,
मेंरे अलबेले राम, मेंरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम………………………….
मेंरे अलबेले राम, मेंरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम………………………….
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जो भी कराल हूँ सब तुम पर निछावर , -२
दौलत मेरी तेरा नाम, मेंरे अलबेले राम
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम………………….
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थक भी गया हूँ मैं, लंबे सफ़र में। २
मेंरा जीना हुआ है हराम, मेंरे अलबेले राम
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम…………………..
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तेरी रजा में अब कर ली है राजी २
हमें दे दो, सजा या इनाम , मेंरे अलबेले राम।
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम ……………………