भेद नहीं करता मेरा कान्हा, है परखता भाव ही । जिस हाथ से माखन खाया, उस हाथ से ही तूने माटी भी , जिस स्वाद से छप्पन भोग लिये, उसी स्वाद से साग और रोटी भी , जिस मौज से खेले ग्वाले संग , उसी मौज से मारे असुर को भी , भेद नहीं करता…
आनंद कंद कृपा – Ananda Kanda Kripa
श्रीकृष्ण को समर्पित – Shri Krishna ko Samarpit
भेद नहीं करता मेरा कान्हा, है परखता भाव ही । जिस हाथ से माखन खाया, उस हाथ से ही तूने माटी भी , जिस स्वाद से छप्पन भोग लिये, उसी स्वाद से साग और रोटी भी , जिस मौज से खेले ग्वाले संग , उसी मौज से मारे असुर को भी , भेद नहीं करता…