मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै जैसे उड़े जहाज को पंछी फिरी जहाज पर आवै कमल नयन को छाड़ि महातम और देव को ध्यावै परम गंग को छाड़ि पियासौ दुरमति कूप खनावै जिहिं मधुकर अंबुज रस चाख्यौ क्यों करील फल खावै सूरदास प्रभू कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै Bansuri Bajaye…
आनंद कंद कृपा – Ananda Kanda Kripa
श्रीकृष्ण को समर्पित – Shri Krishna ko Samarpit
मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै जैसे उड़े जहाज को पंछी फिरी जहाज पर आवै कमल नयन को छाड़ि महातम और देव को ध्यावै परम गंग को छाड़ि पियासौ दुरमति कूप खनावै जिहिं मधुकर अंबुज रस चाख्यौ क्यों करील फल खावै सूरदास प्रभू कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै Bansuri Bajaye…