आने श्रीकृष्ण के भक्त रसखान एक मुसलमान व्यक्ति थे । एक बार वो अपने उस्ताद के साथ मक्का मदीना, हज पर जा रहे थे। उनके उस्ताद ने कहा – देखो हिन्दुओं का तीर्थ स्थल वृन्दावन आने बाला है, वहाँ एक काला नाग रहता है। मैंने सुना है , नाग वृंदावन आने बाले यात्रियों को डस…
Ma Kali Ki Aarti.(माँ काली जी की आरती।)
अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती। ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती । माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी । दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी । सौ सौ सिंहों से है बलशाली…
Eshwar Tu Hai Dayalu Dukh Door Kar Hamara (ईश्वर तू है दयालु ,दु:ख दूर कर हमारा । (कृष्णा भजन ) ।
ईश्वर तू है दयालु , दु:ख दूर कर हमारा , तेरी शरण में आये , प्रभू दीजिये सहारा । ईश्वर तू है …………………………….. तू है पिता या माता, सब विश्व का विधाता, तुझसा नहीं है दाता , तेरा सभी पसारा । ईश्वर तू है ………………………………. भूमि ,आकाश , तारे, रवि ,चन्द्र , सिन्धु सारे ,…
Bhiksha Ka upyog , Mahatma Jee Ki Udarta. (भिक्षा का उपयोग , महात्मा जी की उदारता ) ।
स्वामी रामदास जी का यह नियम था, कि वे स्नान एवं पूजा से निवृत होकर भिक्षा माँगने के लिए केवल पाँच घर ही जाते थे और कुछ न कुछ लेकर ही वहाँ से लौटा करते थे। एक बार उन्होंने एक घर के द्वार पर खड़े होकर ,जय जय रघुवीर का घोष किया ही था कि…
माटी का खिलौना , माटी में मिल जायगा (कृष्णा भजन )
मान मेरा कहना नहीं तो पछतायेगा । माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।। … सुन्दर रूप देख क्यों भूला ,धन यौवन के मद में फूला । एक दिन हंसा अकेला उड़ जाएगा ।। माटी का खिलौना , माटी में मिल जाएगा ।। … पत्नी सुपति पिता अरू माता , सखा सुमित्र सहोदर…
Radha Raman ,Radha Raman Kaho. (राधा रमण , राधा रमण कहो )।
जिस काम में , जिस नाम नाम में ,जिस धाम में रहो । राधा रमण , राधा रमण , राधा रमण कहो ।। जिस रंग में , जिस ढंग में , जिस संग में रहो । राधा रमण , राधा रमण , राधा रमण कहो ।। जिस देह…
Parvati Jee Ki Aarti. (पार्वती जी की आरती )।
जय पार्वती माता , मैया जय पार्वती माता । ब्रह्म सनातन देवी , शुभ फल की दाता ।। जय पार्वती माता ……………………………. अरिकुल पद्म विनासनि, जय सेवक त्राता । जग जीवन जगदम्बा , हरिहर गुण गाता ।। जय पार्वती माता …………………………….. सिंह को वाहन साजे , कुण्डल है साथा ।…
Bhakt Aur Bhagwan Ke Beech Madhur Vinod . (भक्त और भगवान के बीच मधुर विनोद )।
भगवान का एक मुसलमान भक्त थे जिनका नाम अहमदशाह था ।अहमदशाह को प्रायः भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते रहते थे।भगवान उनसे विनोद भी किया करते थे । एक दिन अहमदशाह एक बड़ी लम्बी टोपी पहन कर बैठे हुए थे। भगवान को उनकी टोपी देखकर हँसी आ गई और उन्हें विनोद करने का ख़्याल आया। प्रभु…
Prabhu shriRam Ke Charano Me Shabari Ki Ananya Bhakti. (प्रभू श्रीराम के चरणों में शबरी की अनन्य भक्ति)। ,( श्रीराम चरित मानस ) ।
ताहि देइ गति राम उदारा । शबरी कें आश्रम पगु धारा ।। शबरी देखि राम गृहँ आए । मुनि के बचन समुझि जियँ भाए ।। सरसिज लोचन बाहु बिसाला । जटा मुकुट सिर उर बनमाला ।। स्याम ग़ौर सुंदर दोउ भाई । शबरी परी चरन लपटाई ।। प्रेम मगन मुख बचन न आवा । पुनि…
Kanha Tatha Baldaoo Dwara Makhan Roti Kee Mang. कान्हा तथा बलदाऊ द्वारा माखन रोटी की माँग । ( सूरदास जी के पद ) ।
दोउ भैया मैया पै माँगत , दै री मैया , माखन रोटी । सुनत भावती बात सुतनिकी , झूटहिं धाम के काम अगोटी ।। बल ज़ू गह्यो नासिका मोती , कान्ह कुँवर गहि दृढ़ करि चोटी । मानो हंस मोर भष लीन्हें , कबि उपमा बरनै कछु छोटी ।। यह छबि देखि नंद मन आनन्द…