अजब हैरान हूँ भगवन, तुझे कैसे रिझाऊँ मैं ।
नहीं ऐसी कोई वस्तु ,जिसे सेवा में लाऊँ मैं ।
करूँ किस तरह आवाहन , कि तुम मौजूद हो हर सै।
ब्याकुल हूँ बुलाने को , अगर घंटी बजाऊ मैं ।अजब हैरान……
अगर मैं दूध चढ़ाऊँ तो , वह बछड़े का जूठा है ।
अगर मैं शहद चढ़ाऊँ तो वह , मधुमक्खी का जूठा है।
अगर मैं पुष्प चढ़ाऊँ तो , वह भँवरे का जूठा है ।
करूँ किस तरह आवाहन , कि तुम मौजूद हो हर सै ।
ब्याकुल हूँ बुलाने को , अगर घंटी बजाऊँ मैं ।अजब हैरान……