समस्त चराचर जगत को अपनी इच्छा मात्र से रचना, पालन एवं संघार करने में समर्थ आदिशक्ति माँ भुवनेश्वरी परब्रह्मा स्वरूपा हैं, जो समय समय पर माँ पार्वती,दुर्गा,काली,चण्डी,सरस्वती आदि अवतार धारण करती हैं । शिव के साथ शक्ति की पूजा स्वाभाविक ही जुड़ी हुई है ।§ ये प्रसंग स्वामी रामकृष्णा परमहंस के जीवन का है ।रामकृष्ण…