१- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।( शक्ति दायी मंत्र ) २- शरणागत दीनार्थ परित्राण परायणे। सर्वस्यार्ति हरे देवी नारायणी नमोस्तुते।। ( आपत्ति उद्धारक मंत्र ) ३- सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते । भयेभ्यःस्त्राहि नो देवि दुर्र्गे देवि नमोस्तुते ।। ( भय विनाशक मंत्र ) ४- करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी ।शुभानि…
माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा
नवरात्र के प्रथम दिन घट स्थापन के बाद माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘माता शैलपुत्री’ की पूजा करने का विधान है।शैल का अर्थ है हिमालय और हिमालय के यहाँ जन्म लेने के कारन इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।पार्वती के रूप में इन्हें भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है।इनका वाहन वृषभ…
मैं राम नाम गुण गाऊँ – Mai Ram Nam Gun Gaun
मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ । … तेरा सहारा लेकर भगवन भवसागर तर जाऊँ ।। विपदा के मारों का तू है , जनम – जनम का साथी , तेरे ही नाम से रौशन दुनिया की अँधियारी वाती । मन मन्दिर में निशदिन भगवन प्रेम की जोत जलाऊँ…
माँ दुर्गा का सातवां रूप – माँ कालरात्रि
नवरात्र के सातवें दिन दुर्गाजी के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा होती है। इनका वर्ण अंधकार रात्रि की तरह काला है ।बाल बिखरे हुये हैं और गले में माला बिजली की तरह देदीप्यमान है।इन्हें तमाम आसुरि शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है।इनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं ।इनके एक हाथ में…
माँ दुर्गा का छठा रूप – माँ कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन दुर्गाजी के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा और अर्चना की जाती है।ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना करने से अर्थ , धर्म , काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।माँ ने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया,इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।इनका रंग स्वर्ण की…
माँ दुर्गा का पंचम रूप माँ स्कन्दमाता
नवरात्र के पाँचवे दिन दुर्गाजी के पाँचवे स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है।स्कंद शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय (षडानन,अर्थात छह मुख वाले) का एक नाम है।स्कंद की माँ होने के कारण ही इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। माना जाता है कि माँ दुर्गा का यह रूप…
माँ वैष्णो की आरती
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे , हो रही जय-जयकार मंदिर बिच आरती जय माँ, हे दरबारावाली आरती जय माँ । काहे की मैया तेरी आरती बनावाँ ,काहे दीपावाँ बीच बाती मंदिर बिच आरती जय माँ , सुहे चोलियाँवाली आरती जय माँ। सर्व सोने दी तेरी आरती बनावाँ , अगर कपूर पावाँ बाती मंदिर…
ऐसा प्यार बहा दे मैया- Aisa Pyar Baha De Maiya
या देवी सर्वभूतेषू दया रूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: । दुर्गा दुर्गति दूर कर , मंगल कर सब काज । मन मंदिर उज्जवल करो , कृपा कर के आज ।। ऐसा प्यार बहा दे मैया , चरणों से लग जाऊँ मैं । सब अंधकार मिटा दे मैया ,…
Ambike Jagdambike Ab Tera Hi Aadhar Hai
अंबिके जगदम्बिके अब तेरा ही आधार है , जिसने ध्याया तुझको मैया , उसका बेड़ा पार है। नंगे पग तेरे दर पे मईया अकबर आया, सोने का छत्र माँ उसने चढ़ाया । पूजा किया माँ उसने तेरी ,तू शक्ति का अवतार है, …
संत कृपा से भव पार।
समर्थ गुरु रामदास बाबा एक सच्चे संत तथा हनुमानजी के भक्त भी थे।इनके बारे में कहा जाता है कि बाबाजी को हनुमानजी के दर्शन हुआ करते थे।एक बार बाबाजी ने हनुमानजी से कहा महाराज! आप एकदिन सब लोगों को दर्शन दें ।हनुमानजी ने कहा कि ‘ तुम लोगों को इकट्ठा करो तथा शुद्ध हरिकथा करना…