ॐ तुभ्यं नमामि नारायणाय तुभ्यं नमामि जगदीश्वराय । हे लक्ष्मीकांतम तुभ्यं नमामि हे शांताकारम तुभ्यं नमामि ।।
नवधा भक्ति के स्वरुप
नवधा भगति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु मन माहीं॥प्रथम भगति संतन्ह कर संगा। दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥ गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान॥ मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा। पंचम भजन सो बेद प्रकासा॥छठ दम सील बिरति बहु करमा। निरत निरंतर सज्जन धरमा॥ सातवँ सम…
जय जय सुरनायक – Jai Jai Surnayak (Vishnu Bhajan)
Source : तुलसीदास रचित रामचरित मानस ( गोरखपुर प्रेस) § ब्रह्मा जी और अन्य देव विष्णु भगवान की स्तुति करते हैं § जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ … जय…
जब जब होता नाश धरम का और पाप बढ़ जाता है (correct lyrics)
जब जब होता नाश धरम का और पाप बढ़ जाता है तब लेते अवतार प्रभु यह विश्व शान्ति पाता है ।। जब कंस के अत्याचारों से यह भूमंडल बेहाल हुआ, और विप्र संत त्यागी बैरागी का पापी महाकाल हुआ ।। जब पृथ्वी के हर आँसू पर टुकड़े टुकड़े पाताल हुआ, तब गर्भ से सती देवकी…
Sharnaagat paal kripaal prabhu…(ram bhajan)
!! Pranat Paal Raghu Nayak, Karuna Sindhu Kharaari Gaye Sharan Prabhu Rakhiye, Tav Apraadh Bisaari !! sharnaagat paal kripaal prabhu humko ek aas tumhari hai tumhre sam dusar aur nahi nahi deenan ke hitkaari hai sudhi let sadaa sab jeevan ki ati hi karuna vistaari hai jab naath daya kari dekhat hain chhuti jaat vyathaa…
जब जानकीनाथ सहाय करें – राम भजन – Jab jankinath sayah karein
(तुलसीदासजी रचित भजन श्री रामजी की दयालुता का वर्णन करते हुए) Ram Bhajan जब जानकीनाथ सहाय करें, तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो । सूरज मंगल बुद्ध भृगुसुत, बुद्ध और गुरू सहायक तेरो । राहु केतु जहाँ गम्य नाही , संग शनीचर होत उचेरो । जब जानकीनाथ सहाय करें , तब कौन बिगाड़ करे नर…
दान का महत्व- Dan ka mahatwa
§ एक राजा तीर्थयात्रा के लिये चला।उसके काफिले में एक गरीब आदमी भी था।वह दो धोती,थोड़ा गेहूँ का आटा तथा कुछ गिने चुने सामान यात्रा के लिये साथ लाया था।उसने देखा सर्दी के कारन एक व्यक्ति काँप रहा है,उसने अपनी दो धोती मे से एक धोती उस व्यक्ति को दे दिया।धोती पाकर वह व्यक्ति बहुत…
दामोदराष्टकम-(हिन्दी अनुवाद सहित) Damodarashtakam – Sanskrit and Hindi Translation
वह भगवान जिनका रूप सत, चित और आनंद से परिपूर्ण है, जिनके मकरो के आकार के कुंडल इधर उधर हिल रहे है, जो गोकुल नामक अपने धाम में नित्य शोभायमान है, जो (दूध और दही से भरी मटकी फोड़ देने के बाद) मैय्या यशोदा की डर से ओखल से कूदकर अत्यंत तेजीसे दौड़ रहे है और जिन्हें…
तुलसी देवी को नमस्कार – Tulsi Devi Ko Namaskar
या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी । प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम: ।। जो दर्शन पथ में आने पर सारे पाप-समुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श किये जाने परशरीर को पवित्रबनाती है, प्रणाम किये जाने पर रोगों का निवारण करती है, जल से…
Bhajman Ram charan sukhdai
भजमन राम चरण सुखदायी,भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि चरणन से निकसि सुरसरि,शंकर जटा समायी जटा शंकरी नाम परयो है , त्रिभुवन तारण आयी । भजमन राम चरण सुखदायी । जेहि चरणन की चरण पादुका , भरत लियो लव लाई सोई चरण केवट धोय लीने , तब हरि नाव चढ़ाई । भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि…