§ एक राजा तीर्थयात्रा के लिये चला।उसके काफिले में एक गरीब आदमी भी था।वह दो धोती,थोड़ा गेहूँ का आटा तथा कुछ गिने चुने सामान यात्रा के लिये साथ लाया था।उसने देखा सर्दी के कारन एक व्यक्ति काँप रहा है,उसने अपनी दो धोती मे से एक धोती उस व्यक्ति को दे दिया।धोती पाकर वह व्यक्ति बहुत…
दामोदराष्टकम-(हिन्दी अनुवाद सहित) Damodarashtakam – Sanskrit and Hindi Translation
वह भगवान जिनका रूप सत, चित और आनंद से परिपूर्ण है, जिनके मकरो के आकार के कुंडल इधर उधर हिल रहे है, जो गोकुल नामक अपने धाम में नित्य शोभायमान है, जो (दूध और दही से भरी मटकी फोड़ देने के बाद) मैय्या यशोदा की डर से ओखल से कूदकर अत्यंत तेजीसे दौड़ रहे है और जिन्हें…
तुलसी देवी को नमस्कार – Tulsi Devi Ko Namaskar
या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी । प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम: ।। जो दर्शन पथ में आने पर सारे पाप-समुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श किये जाने परशरीर को पवित्रबनाती है, प्रणाम किये जाने पर रोगों का निवारण करती है, जल से…
Bhajman Ram charan sukhdai
भजमन राम चरण सुखदायी,भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि चरणन से निकसि सुरसरि,शंकर जटा समायी जटा शंकरी नाम परयो है , त्रिभुवन तारण आयी । भजमन राम चरण सुखदायी । जेहि चरणन की चरण पादुका , भरत लियो लव लाई सोई चरण केवट धोय लीने , तब हरि नाव चढ़ाई । भजमन राम चरण सुखदायी। जेहि…
दुर्गा सप्तशती के सिद्ध मन्त्र ( संस्कृत में ।)
१- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।( शक्ति दायी मंत्र ) २- शरणागत दीनार्थ परित्राण परायणे। सर्वस्यार्ति हरे देवी नारायणी नमोस्तुते।। ( आपत्ति उद्धारक मंत्र ) ३- सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते । भयेभ्यःस्त्राहि नो देवि दुर्र्गे देवि नमोस्तुते ।। ( भय विनाशक मंत्र ) ४- करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी ।शुभानि…
माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा
नवरात्र के प्रथम दिन घट स्थापन के बाद माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘माता शैलपुत्री’ की पूजा करने का विधान है।शैल का अर्थ है हिमालय और हिमालय के यहाँ जन्म लेने के कारन इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।पार्वती के रूप में इन्हें भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है।इनका वाहन वृषभ…
मैं राम नाम गुण गाऊँ – Mai Ram Nam Gun Gaun
मैं राम नाम गुण गाऊँ ,भगवन राम नाम गुण गाऊँ । … तेरा सहारा लेकर भगवन भवसागर तर जाऊँ ।। विपदा के मारों का तू है , जनम – जनम का साथी , तेरे ही नाम से रौशन दुनिया की अँधियारी वाती । मन मन्दिर में निशदिन भगवन प्रेम की जोत जलाऊँ…
माँ दुर्गा का सातवां रूप – माँ कालरात्रि
नवरात्र के सातवें दिन दुर्गाजी के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा होती है। इनका वर्ण अंधकार रात्रि की तरह काला है ।बाल बिखरे हुये हैं और गले में माला बिजली की तरह देदीप्यमान है।इन्हें तमाम आसुरि शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है।इनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं ।इनके एक हाथ में…
माँ दुर्गा का छठा रूप – माँ कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन दुर्गाजी के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा और अर्चना की जाती है।ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना करने से अर्थ , धर्म , काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।माँ ने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया,इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।इनका रंग स्वर्ण की…
माँ दुर्गा का पंचम रूप माँ स्कन्दमाता
नवरात्र के पाँचवे दिन दुर्गाजी के पाँचवे स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है।स्कंद शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय (षडानन,अर्थात छह मुख वाले) का एक नाम है।स्कंद की माँ होने के कारण ही इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। माना जाता है कि माँ दुर्गा का यह रूप…